राष्ट्रपति बोले, जानकर 2ाुशी हुई कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने निचली अदालतों में लंबित 60 लाख विवादों को शून्य के स्तर पर लाने का र2ा है लक्ष्य

कहा, इलाहाबाद हाईकोर्ट में बार और बेंच की 5ाूमिका महत्वपूर्ण

ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर में आयोजित शिलान्यास समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने स6बोधन में कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय का लगभग एक सौ पचास वर्षो का बहुत ही गौरवशाली इतिहास रहा है। इस दौरान भारत की आजादी की लड़ाई और उसके बाद भारत के लोकतन्त्र के विकास में इस न्यायालय से जुड़े लोगों ने अपना अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि यहां की शानदार परंपरा के निर्माण में 'बार और बेंच' दोनों ने अहम भूमिका निभाई है।

10 साल से पुराने छह ला2ा मामले

राष्ट्रपति ने स6बोधन में कहा कि पूरे देश के न्यायालयों में लगभग तीन करोड़ मामले पेंडिंग हैं। इनमें से लगभग चालीस लाख मामले उच्च-न्यायालयों में पेंडिंग हैं। इनमें भी छह लाख मामले ऐसे हैं जो दस साल से भी अधिक पुराने हैं। मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपनी निचली अदालतों में लंबित लगभग साठ लाख विवादों को अगले कुछ वर्षो में शून्य के स्तर पर लाने का लक्ष्य रखा है।

निर्धारित की है कट ऑफ डेट

प्रेसीडेंट ने कहा कि अन्य कई उच्च न्यायालय भी लंबित मामलों का शीघ्रता से निपटारा करने के लिए कदम उठा रहे हैं। एक राज्य में निचली अदालतों में 30 जून 2017 तक पांच साल से भी अधिक पुराने लगभग छिहत्तर हजार मामले लंबित थे। वहां 30 जून 2018 तक इस सं2या को आधा कर देने का लक्ष्य तय किया गया है। वहीं एक अन्य राज्य में निचली अदालतों में दस साल से अधिक समय से लंबित मामलों को 30 अप्रैल 2018 तक तथा पांच से दस साल की अवधि वाले मामलों को 30 सितंबर 2018 तक निबटाने के लक्ष्य रखे गए हैं।

न्याय की चौ2ाट पर गरीबों का संघर्ष

राष्ट्रपति ने 2ाुद के अनु5ावों को साझा करते हुए कहा कि न्याय व्यवस्था से जुड़कर मैंने गरीब लोगों के न्याय पाने के संघर्ष को नजदीक से देखा है। न्यायपालिका ही सबका सहारा होती है। फिर भी देश का सामान्य नागरिक भरसक न्यायालय की चौखट खटखटाने से बचना चाहता है। इस स्थिति को बदलना जरूरी है। उन्होंने कहा कि एक अधिव1ता के रूप में मेरा अनुभव रहा है कि यदि वैकल्पिक न्याय प्रणाली को मजबूत बनाया जाए तो सामान्य नागरिकों को बहुत लाभ पहुंचेगा।

लोकल लैंग्वेज में होना चाहिए ऑर्डर का ट्रांसलेशन

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि आज अधिकांश मामलों में यह स्थिति है कि जो गरीब मुव1िकल पैसा खर्च करता है और जिसके लिए पूरी प्रक्रिया सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। वही इस प्रक्रिया के बारे में कुछ भी नहीं जान पाता। वह पूरी तरह से अपने वकील या अन्य लोगों पर आश्रित रहता है। यदि स्थानीय भाषा में बहस करने का चलन जोर पकड़े तो सामान्य नागरिक अपने मामले की प्रगति को बेहतर ढंग से समझ पायेंगे। साथ ही निर्णयों और आदेशों की सत्य प्रतिलिपि का स्थानीय भाषा में अनुवाद उपल4ध कराने की व्यवस्था होनी चाहिए। मुझे आप सबको यह बताने में खुशी हो रही है कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने निर्णयों और आदेशों के हिन्दी अनुवाद उपल4ध कराने का प्रावधान कर दिया है और अन्य कई उच्च न्यायालय इस दिशा में आगे बढ़ रहे है। कार्यक्रम में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी, महापौर अ5िालाषा गुप्ता समेत वरिष्ठ न्यायाधीश एवं अधिव1ता मौजूद रहे।

महामहिम बोले

-न्यायालयों में 03 करोड़, उच्च न्यायालयों में 40 ला2ा केसेज पेंडिंग।

-न्याय व्यवस्था से जुड़कर मैंने गरीब लोगों के न्याय पाने के संघर्ष को नजदीक से देखा है।

-यदि वैकल्पिक न्याय प्रणाली को मजबूत बनाया जाए तो सामान्य नागरिकों को बहुत लाभ पहुंचेगा।

-स्थानीय भाषा में बहस करने का चलन जोर पकड़े तो सामान्य नागरिक अपने मामले की प्रगति को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे।

-निर्णयों और आदेशों की सत्य प्रतिलिपि का स्थानीय भाषा में अनुवाद उपल4ध कराने की व्यवस्था होनी चाहिए।

रण5ाूमि को समर्पित प्रयाग की न्याय 5ाूमि

इलाहाबाद हाईकोर्ट में शनिवार को न्यायग्राम परियोजना के शिलान्यास समारोह में 5ारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शिरकत की। अपने दो दिवसीय दौरे पर इलाहाबाद आए राष्ट्रपति हाईकोर्ट कै6पस में बने पंडाल में अपनी पत्नी सविता कोविंद के साथ पहुंचे। उनके साथ सूबे के राज्यपाल रामनाइक, मु2यमंत्री योगी आदित्यनाथ, इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दिलीप बाबा साहेब 5ाोंसले, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आरके अग्रवाल एवं अशोक 5ाूषण 5ाी कार्यक्रम में शामिल हुए। राष्ट्रपति इस कार्यक्रम में अपने निर्धारित समय सुबह के 10 बजे की बजाय दिन में पौने ग्यारह बजे के आसपास पहुंचे थे।

संयोग से आज विजय दिवस 5ाी है

राष्ट्रपति ने शिलान्यास समारोह में कहा कि संयोग से आज 'विजय दिवस' भी है। आज ही के दिन सन 1971 में भारत ने अपने इतिहास की सबसे शानदार सामरिक विजय हासिल की थी। ढाका में पाकिस्तान के जनरल्स ने लगभग 90 हजार फौजियों के साथ भारतीय सेना के स6मुख आत्मसमर्पण कर दिया था। उन्होंने कहा कि मैं आज केइस शिलान्यास को अपने उन बहादुर भारतीय सैनिकों के स6मान में समर्पित करता हूं। इस पूरे कार्यक्रम की 2ास बात यह रही कि प्रमु2ा अतिथियों ने अपनी पूरी बात हिंदी में ही र2ाी। न्याय ग्राम परियोजना के तहत 5ाूमिपूजन कार्यक्रम शनिवार सुबह से ही देवघाट झलवा में निर्धारित जगह पर शुरू हो गया था। जिसमें पंडित, मौलाना, पादरी समेत स5ाी धर्मो के पुजारी शामिल हुए। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन इलाहाबाद हाईकोर्ट में आयोजन समिति के चेयरमैन जस्टिस तरुण अग्रवाल ने दिया। कार्यक्रम की शुरुआत और समापन राष्ट्रगान से किया गया।