-टिकट मिलने के बाद MLA अजय राय का प्रयास रंग लाया, खेमों में बंटे कांग्रेसी आये एक मंच पर

-कांग्रेस कैंडीडेट ने कहा, पब्लिक के बीच रहने वाले को ही अपना नेता चुनना होगा बेहतर

-पूर्व सांसद ने डेवलपमेंट में चौड़े सीने के रिश्ते पर उठाया सवाल

VARANASI: बनारस में बहुत सारे लोग चुनाव लड़ने आए हैं। लेकिन वो महादेव के इस शहर में गली गली घूमने की बजाए सोशल साइट्स पर ही नजर आ रहे हैं। किसान के खेत में खड़ी फसल खाक हो जा रही है और देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे नेताजी ट्वीट कर रहे हैं। यह बातें कांग्रेस कैंडीडेट अजय राय ने रविवार को केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से कहीं। कहा कि बनारस का सांसद जब तक लोकल नहीं होगा तब तक समस्याएं बनी रहेंगी। पब्लिक से फेस टू फेस बने रहने वाले को ही अपना नेता चुनना बेहतर होगा। उधर खेमों बंटी कांगे्रस एक मंच पर मजबूती के साथ दिखायी दी। इस प्रेसवार्ता में पूर्व सांसद राजेश मिश्र समेत सतीश चौबे, सीताराम केसरी, प्रो। सतीश राय, विजय शंकर पांडेय, अरुण यादव, प्रजानाथ शर्मा के अलावा कई पदाधिकारी व वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

गरजे पूर्व सांसद

माहौल भांप पूर्व सांसद भी खूब गरजे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के कैंडीडेट नरेंद्र मोदी को आड़े हाथ लिया। कहा कि विकास का सीना से क्या रिश्ता। मोदी के दावों का यही जवाब है कि पूर्वाचल में सीना छोटा भी हो जाता है। उन्होंने पीएम पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी की भाषा पर आपत्ति जताई। इस दौरान अपना दल के महानगर अध्यक्ष विकास तिवारी ने अपनी टीम अक्षय सिंह, अजय कुमार राय, सौरभ यादव, सुभाष चक्रवर्ती, उमाशंकर मौर्य, हरिशंकर पटेल के साथ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।

पिंडरा में देखें विकास मॉडल

पिंडरा एमएलए अजय राय ने कहा कि भाजपा गुजरात को विकास का मॉडल बताती है लेकिन गुजरात का विकास पिंडरा विधानसभा क्षेत्र के आगे बौना है। कहा कि सांसद डॉ। मुरली मनोहर जोशी करप्शन का विरोध करते थे लेकिन उनकी नाक के नीचे सीवरेज कार्य में खुलेआम करप्शन हुआ। करोड़ों रुपये की पाइप लाइन बिछा दी गई लेकिन ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जमीन अभी तक नहीं मिल सकी। तीन बार बाढ़ आने के बाद एफआईआर दर्ज होने के बाद डॉ। जोशी बनारस आए।

लोकल मुद्दे को दी हवा

विभिन्न खेमों की जुटान के दौरान कांग्रेसियों ने स्थानीय बनाम बाहरी कैंडीडेट के मुद्दे को हवा दी। एमएलए अजय राय ने कहा कि मैं यहां के लोगों के फैमिली का मेंबर हूं। उनके दुख-तकलीफ को अच्छी तरह जानता हूं। पूर्व में कई बाहरी लोग यहां इलेक्शन जीते लेकिन किसी ने भी बनारस के लोगों का भला नहीं किया।