वाशिंगटन (पीटीआई)। पाकिस्तान की आर्थिक तंगी आसानी से दूर होती नजर नहीं आ रही है, इसको लेकर उसकी मुश्किलें दिन पर दिन बढ़ ही रही हैं। अमेरिका के तीन बड़े सांसदों ने ट्रंप प्रशासन से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की ओर से पाकिस्तान को मिलने वाले प्रस्तावित बहु-अरब डॉलर के 'बेलआउट पैकेज' का विरोध करने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि इन पैसों का उपयोग पाकिस्तान द्वारा चीन के लोन को चुकाने के लिए किया जा सकता है। वित्त मंत्री स्टीन मनुचिन और विदेश मंत्री माइक पोंपियो को एक पत्र लिखकर द्विदलीय समूह के तीन सांसदों टेड याहू, अमी बेरा और जॉर्ज होल्डिंग ने यह आग्रह किया है। साथ उन्होंने पत्र में पाकिस्तान को आईएमएफ की ओर से मिलने वाले संभावित पैसे को चीन के कर्ज चुकाने जैसे फैसले पर अपनी चिंता भी जाहिर की है।

चीन ने किया अरबों रुपये का निवेश

बता दें कि पाकिस्तान ने 'चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे' (सीपेक) के तहत चीन से लोन लिया है। सांसदों ने 5 अप्रैल को लिखे पत्र में कहा, ‘चीन को कर्ज लौटाने के इरादे से पाकिस्तान सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से ‘बेलआउट पैकेज’ की मांग को लेकर हम बहुत चिंतित हैं।’ उन्होंने कहा कि चीन CPEC के तहत पाकिस्तान में 62 अरब डॉलर निवेश कर रहा है। सांसदों ने कहा कि पाकिस्तान की कर्ज अदायगी और प्रॉफिट प्रत्यावर्तन की शर्तें पारदर्शी नहीं हैं और इससे पाकिस्तान में काफी चिंताएं बढ़ गई हैं।

पैसा देने में नाकाम रहा है पाकिस्तान

सांसदों ने कहा कि आईएमएफ के साथ पाकिस्तान का इतिहास चिंता का कारण है, आईएमएफ के एक दर्जन अलग-अलग कार्यक्रमों में पिछले 30 वर्षों में से 22 साल तक पाकिस्तान जरुरी आर्थिक समस्याओं को पूरा करने में विफल रहा है। इसलिए आईएमएफ की ओर से पाकिस्तान को मिलने वाले 'बैलेट पैकेज' का अमेरिका को विरोध करना चाहिए।

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