आ सकते हैं चपेट में

इस मौसम में माइश्चर अधिक हो जाता है। इसकी वजह से बैक्टीरिया तेजी से ग्रोथ करता है। बच्चों की इम्यूनिटी पॉवर कम होने की वजह से उनको इंफैक्शन जल्द जकड़ लेता है। बरसात में वायरस तेजी से फैलता है। इसलिए आजकल बच्चों को वायरस डिसीजेज ने अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है। एसएन मेडिकल कॉलेज के पिडियाट्रीशियन डिपार्टमेंट में समय दस से 15 बच्चे डायरिया और टॉइफाइड के एडमिट हैं। 80 परसेंट बीमारियां गंदे पानी की वजह से बच्चों को हो रही हैं। डिहाइडे्रशन के केस पहले की तुलना में अधिक सामने आ रहे हैं।

रखें हाईजीन

मानसून के सीजन में सबसे ज्यादा हाईजीन का ख्याल रखना चाहिए। गंदगी के चलते बच्चे बीमारी का शिकार होने लगते हैं। डेंगू और मलेरिया भी इसी सीजन में लोगों को अपनी चपेट में लेने लगते हैं। घर में और आसपास सफाई रखने से मच्छर को ब्रीडिंग करने के लिए जगह नहीं मिलेगी। घर के आसपास पानी न जमा होने दें।

सिम्पटम्स

- बॉडी में पेन होने के साथ-साथ फीवर आना।

- दिन में एक दो बार उल्टी होना।

- भूख का अचानक से कम हो जाना।

- हल्का फीवर दो से तीन दिन तक रहना।

- लगातार पसली चलना।

प्रिकॉशंस

- बच्चों को बॉयल वाटर पीने को दें।

- हाथ धोकर ही बच्चों को खाने-पीने की चीज दें।

- संक्रमण से बचने के लिए हाईजीन का ख्याल रखें।

- जंक और फास्ट फूड से बच्चों की दूरी बनाए रखें।

- कटे फ्रूट्स और बाहर का जूस न खाएं-पीएं।

- स्कूल जाने पर घर से पानी लेकर जाएं।

वर्जन

बदलते मौसम में सबसे पहले बच्चे बीमार होना शुरू हो जाते हैं। थोड़ा सा भी सर्दी, जुकाम होने पर तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें। साथ ही ट्रीटमेंट शुरू कर देना चाहिए।

- डॉ। एनसी प्रजापति, पीडियाट्रिशियन