वेस्ट यूपी से दलित वोट बैंक खिसकने का खतरा

यूपी सरकार ने मिशन 2019 के चलते बदला रवैया

Meerut। अब शायद ही किसी उपद्रवी को गिरफ्तार किया जाए। लखनऊ से आला अधिकारियों का निर्देश मिलने के बाद पुलिस बैकफुट पर आ गई है। निर्देश मिले हैं कि अब उपद्रवियों को गिरफ्तार न की जाए। उन्हें डर है कि दलितों की गिरफ्तारियों का असर आने वाले 2019 में लोकसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है।

270 मुकदमें

दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुए उपद्रव में वेस्ट यूपी में करीब पांच लोगों की जान जा चुकी है। इसके साथ 270 लोगों के खिलाफ मुकदमें व 800 दलितों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसके चलते वेस्ट यूपी में दलितों में काफी रोष है। अब यह बात लखनऊ तक पहुंच गई है कि अगर पुलिस ने ज्यादा सख्ती बरती तो वेस्ट यूपी का दलित वोट बैंक भाजपा के हाथ से फिसल सकता है। यही कारण है कि लखनऊ से मिले नए निर्देशों के बाद पुलिस अधिकारी बैक फुट पर आ गए है। पुलिस अधिकारियों का कहना कि अब गिरफ्तारी नहीं होगी, लेकिन किसी ने 14 अप्रैल को शांति भंग करने का प्रयास किया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।

पहले सख्ती के निर्देश

जब उपद्रव संभल नहीं रहा था तो लखनऊ में आला अधिकारियों ने उपद्रवियों से निपटने के लिए सख्ती बरतने के आदेश दिए थे। तुंरत ही आरोपियों की गिरफ्तार करने का अल्टीमेटम दिया था। लखनऊ से मिले निर्देश पर ही महापौर पति व पूर्व विधायक योगेश वर्मा को गिरफ्तार किया गया था।

डीएम व एसएसपी ने निकाला फ्लैग मार्च

अंबेडकर जयंती को लेकर खुफिया विभाग की निगेटिव रिपोर्ट के बाद पुलिस फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। इसी के चलते डीएम व एसएसपी ने दलित बस्तियों में फ्लैग मार्च निकाला। लोगों से अपील की है पुलिस प्रशासन उनके साथ है। किसी भी बात की डरने की जरूरत नहीं है।

रोजाना फ्लैग मार्च

डीएम अनिल ढींगरा का कहना है कि आगामी 14 अप्रैल तक रोज ही फ्लैग मार्च निकाला जाएगा। किसी ने शहर का माहौल खराब करने का प्रयास किया तो वह जेल जाने का तैयार रहे।

दलितों को मनाने में जुटी पुलिस

पुलिस अधिकारी अब दलितों को मनाने में जुट गए हैं। एसएसपी मंजिल सैनी ने आदेश दिए हैं कि सीओ व इंस्पेक्टर अपने-अपने सर्किल में दलित बस्तियों में जाकर बैठक करें। 14 अप्रैल को निकलने वाली शोभा यात्राओं पर भी कड़ी निगरानी होगी।