- मुख्यमंत्री ने समस्त कुलपति और कॉलेजों के प्राचायरें को पत्र लिखा

- छात्र संगठनों से हो संवाद ताकि धरना-प्रदर्शन की न आए नौबत

LUCKNOW: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवा शक्ति को राष्ट्र निर्माण में नियोजित करने पर बल देते हुए प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं सभी महाविद्यालयों के प्राचायरें को पत्र लिखकर इस बाबत विशेष प्रयास किए जाने की अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राओं को शिक्षा का समुचित माहौल मिले। वे किसी प्रोपोगेंडा, दुष्प्रचार, अराजक तत्वों आदि से प्रभावित न हों। उन्होंने कुलपति तथा प्राचायरें की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए विश्वास जताया कि वे अपनी जिम्मेदारी का सदुपयोग करते हुए शिक्षण संस्थाओं में एक उत्कृष्ट एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर का शैक्षिक वातावरण सृजित कर राष्ट्र के नव निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

छात्र संगठनों से संवाद भी जरूरी

योगी ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि कई बार विश्वविद्यालय अथवा महाविद्यालय प्रशासन तथा विद्यार्थियों के बीच समुचित संवाद स्थापित न होने के कारण विद्यार्थियों की छोटी-छोटी समस्याओं का समुचित समाधान नहीं हो पाता है, जिस कारण धरना-प्रदर्शन की स्थिति उत्पन्न होती है। इसलिए यह आवश्यक है कि समय-समय पर प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों/छात्र संगठनों के मध्य समुचित संवाद स्थापित किया जाए तथा छात्रों से जुड़े विभिन्न पहलुओं तथा समस्याओं को चिन्हि्त कर, उनका समुचित समाधान समय रहते किया जाए। खासतौर पर छात्रावासों में अवांछनीय तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखी जाए। यह सुनिश्चित हो कि छात्रों को अवांछनीय तत्वों के कारण असुविधा न हो। खासतौर से विदेशी छात्र-छात्राओं को पर्याप्त सुरक्षा का माहौल मुहैया कराया जाए जिसके लिए वॉर्डन, प्रॉक्टोरियल बोर्ड एवं जिला प्रशासन के मध्य समन्वय स्थापित हो। छात्र-छात्राओं की सुरक्षा एवं विशेष तौर पर छेड़छाड़ की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए महाविद्यालय प्रशासन के स्तर से कैंपस में सीसीटीवी लगाए जाएं तथा सुरक्षा के समुचित प्रबंध किए जाएं। नवागन्तुक छात्र-छात्राओं का रैगिंग से उत्पीड़न न हो, इसके लिए सुसंगत प्राविधानों को अमल में लाया जाए।

इस पर भी हो अमल

- छात्र-छात्राओं को महत्वपूर्ण योजनाओं स्टैंड-अप इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, डिजिटल इंडिया व स्वच्छ भारत मिशन इत्यादि से भी अवगत कराया जाए

- राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के आवश्यक बिंदु पाठ्यक्त्रमों में शामिल किए जाएं। नैतिक मूल्यों के संव‌र्द्धन हेतु विशेष ध्यान दिया जाए।

- समय पर छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जाए। यह काम समय से हो ताकि कोई भी पात्र छात्रवृत्ति से वंचित न रहे।

- विभागाध्यक्ष के स्तर पर नियमित अंतराल पर अभिभावकों के साथ मीटिंग आयोजित की जाए।

- महापुरुषों की जयंती पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए।