- आई नेक्स्ट में खबर पब्लिश होने के बाद हरकत में आया कॉलेज प्रबंधन

- पि्रंसिपल ने दी ठेकेदार को मनमानी करने पर ठेका निरस्त करने की चेतावनी

आगरा। एसएन मेडिकल कॉलेज में पार्किंग के नाम पर ठेकेदार की अवैध वसूली के मामले में कॉलेज प्रबंधन हरकत में आ गया है। आई नेक्स्ट में ठेकेदार की मनमानी का खुलासा होने के बाद उस पर शिकंजा कसने की तैयारी होने लगी है। ठेकेदार को निर्धारित दर के आधार पर पार्किंग शुल्क वसूलने का निर्देश दिया है। इसके लिए ठेकेदार को नोटिस थमाया है। नोटिस में मनमानी वसूली करने पर ठेका निरस्त करने की चेतावनी भी जारी की गई है।

आईनेक्स्ट ने किया लूट का खुलासा

एसएन मेडिकल कॉलेज में पांच स्थानों पर पार्किंग शुल्क वसूला जाता है। इन स्थानों पर मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों से निर्धारित दरों से दूना-तिगुना पार्किंग शुल्क लिया जाता है। आनाकानी करने पर वाहन खड़े करने नहीं दिया जाता। ठेकेदार की लूट का खुलासा शुक्रवार के अंक में आई नेक्स्ट ने प्रमुखता से किया था।

खबर पब्लिश होने के बाद खलबली

शुक्रवार को जब ये लूट का खेल पब्लिश हुआ तो एसएन मेडिकल कॉलेज में खलबली मच गई। ठेकेदार से लेकर पार्किंग शुल्क में मनमानी का समर्थन करने वाले लोग भी परेशान हो उठे। इधर, कॉलेज प्रिंसिपल डॉ। अजय अग्रवाल ने खबर का संज्ञान लेते हुए तत्काल एक्शन लिया।

ठेका निरस्त करने की दी चेतावनी

कॉलेज प्रिंसिपल ने ठेकेदार को नोटिस जारी किया है। उन्होंने नोटिस थमाते हुए तत्काल मनमानी वसूली रोकने के निर्देश दिए हैं। ऐसा न होने पर ठेका निरस्त करने की चेतावनी भी दी है।

आखिर आंखे क्यों बंद किए बैठे हैं अफसर?

कई सालों से ये खेल चल रहा है। ऐसा नहीं कि अफसरों को ये बात मालूम नहीं। या उनके पास कोई शिकायत नहीं हो, लेकिन अधिकारियों ने शिकायतों पर गौर करना जरूरी नहीं समझा है। सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसी क्या वजह है, कि ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं की जा रही और ठेकेदार मनमानी वसूली कर रहा है।

टेंडर कमेटी के संज्ञान में नहीं

पार्किंग का ठेका उठाने के लिए नियमत: कमेटी गठित होती है। जो मेडिकल कॉलेज में बनी हुई है, इसमें जिला उद्योग, सीएमएस, एमएस, एचओडी मेडिसन, एचओडी सर्जरी, फाइनेंस कंट्रोलर शामिल हैं। इतने सारे सदस्यों की कमेटी होने के बावजूद ये लूट का खेल बेधड़क चल रहा है।

एक को ही मिल रहा टेंडर

सूत्रों के मुताबिक खास आरोप ये भी उछल रहा है कि ठेके की कमेटी पिछले पांच वर्षो से एक ही व्यक्ति को पार्किंग का ठेका इश्यू कर रही है। अगर ऐसा है, तो ये कमेटी की कार्य प्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा करती है और लूट के खेल में उनकी संलिप्तता को भी संदिग्ध बनाती है।