-एक्सीडेंट में घायलों को सीएचसी पर नहीं दे रहे प्राइमरी ट्रीटमेंट

-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंचने तक बढ़ जाता है जान को खतरा

>BAREILLY :

देहात क्षेत्र में हादसों में घायल या फिर बीमार होने पर मरीजों को सीएचसी पर इलाज मुहैया नहीं हो रहा है। सीएचसी पर तैनात डॉक्टर उन्हें प्राथमिक उपचार करने बजाय डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल रेफर कर देते हैं। जबकि तहसील क्षेत्र से मरीजों को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंचने में कम से कम 1 घंटा लग ही जाता है। इतने समय में कई बार मरीजों को जान भी चली जाती है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने थर्सडे और फ्राइडे को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल आने वाले मरीजों के बारे में जानकारी जुटाई तो पता लगा कि सीएचसी और पीएचसी से मरीजों को बिना किसी इलाज के ही रेफर कर दिया गया। आइए बताते हैं आपको हॉस्पिटल की रियलिटी

केस नम्बर-1

फतेहगंज पूर्वी निवासी रामवती पत्नी पृथ्वी लाल फ्राइडे दोपहर को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंची। उन्हें फरीदपुर सीएचसी से रेफर किया गया था। इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर को उन्होंने बताया कि उन्हें बुखार आ रहा है और सांस की प्रॉब्लम है। वह सीएचसी पर दवा लेने के लिए गईं तो डॉक्टर ने उन्हें दवा नहीं दी और डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया।

ेस नम्बर 2-

बेचेलाल और भूरा निवासी गांव जिही बाइक से आंवला जा रहे थे। रास्ते में उनकी बाइक अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई। हादसे में दोनों घायल हो गए। राहगीरों ने उन्हें एम्बुलेंस से भमोरा सीएचसी भेज दिया। उन्होंने बताया कि सीएचसी पर डॉक्टर्स ने इलाज करने की बजाए उन्हें बरेली रेफर कर दिया। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में डॉक्टर्स ने उनका इलाज करने के बाद शाम को छुट्टी भी दे दी।

केस नम्बर-3

फतेहगंज पश्चिमी से बब्लू गंभीर हालत में थर्सडे शाम को एक युवक पहुंचा। उसके चेहरे पर काफी चोट लगी हुई थी। उसे सीएचसी फतेहगंज पश्चिमी से रेफर किया गया था। डॉक्टर ने जब बात की तो एम्बुलेंस चालक ने बताया कि वह घायल को लेकर सीएचसी पर गया था। वहां डॉक्टरों ने हालत देखते ही डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया। जबकि घायल बब्लू की हालत गंभीर थी इसके बाद भी डॉक्टर्स ने उसे प्राथमिक उपचार तक नहीं किया।

केस नम्बर-4

बदायूं के डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से एक महिला को बरेली रेफर किया गया। हादसे में उसके सिर में चोट लगी हुई थी। डॉक्टर ने जब महिला के तीमारदारों से बात की उन्होंने बताया कि सभी लोग ट्रैक्टर ट्रॉली मंदिर जा रहे थे। रास्ते में ट्रैक्टर ट्रॉली अनियंत्रित होकर पलट गई। जिसमें महिला ट्रॉली के नीचे आ गई, उसके सिर में गंभीर चोट लगी है। बदायूं डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ले गए तो वहां से डॉक्टर्स ने बरेली के लिए रेफर कर दिया। लेकिन डॉक्टर ने महिला की हालत देख तीमारदारों को बताया कि हालत सीरियस है और हॉस्पिटल में कोई दिमाग का डॉक्टर नहीं है। जिसके बाद तीमारदार हायर सेंटर लेकर चले गए।

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डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल का ये हाल

हॉस्पिटल में पहुंचने वाले सीरियस ट्रामा पेशेंट्स के इलाज के लिए कोई सुविधा नहीं है। गंभीर रूप से घायल मरीजों के इलाज के लिए न तो यहां न्यूरोसर्जन हैं और न ही यहां ऐसे मरीजों को भर्ती करने के लिए आईसीयू और एनआईसीयू की सुविधा है। ऐसे में जिला अस्पताल पहुंचने वाले सीरियस ट्रामा पेशेंट्स को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है।

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में विशेषज्ञ नहीं

-न्योरोलॉजिस्ट

-न्यूरो सर्जन

-कार्डियोलॉजिस्ट

-नेफ्रोलॉजी

-यूरोलॉजिस्ट

-एनआईसीयू में कोई स्टाफ नहीं

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सरकारी हॉस्पिटल में स्टाफ की कमी तो है लेकिन नार्मल मरीजों को भी सीएचसी से रेफर से किया जा रहा है इसकी मुझे जानकारी नहीं है। मरीजों को स्थानीय सीएचसी पर ही इलाज सुविधा दिलाई जाएगी। गंभीर मरीजों को ही डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल रेफर किया जाएगा। एक्सीडेंट के घायलों को तत्काल प्राइमरी ट्रीटमेंट दिया जाना चाहिए।

डॉ। विनीत शुक्ला, सीएमओ