लामार्टीनियर ब्वायज कॉलेज में हाईस्कूल के निकाले गए 24 स्टूडेंट्स का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कई पेरेंट्स ने इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की है। इसके साथ ही पेरेंट्स ने प्रिसिंपल पर बिल्डिंग डेवलपमेंट के नाम पर 2 लाख रुपए मांगने का भी आरोप लगाया है। पेरेंट्स का कहना है कि यह डिमांड सभी स्टूडेंट्स के पेरेंट्स से की गई है। उन्होंने डीएम से मांग की है कि इस मामले की पूरी जांच कराई जाए और बच्चों का फ्यूचर खराब होने से बचाया जाए। वहीं डीएम ने भी उनको आश्वासन दिया है कि उनका फ्यूचर खराब नहीं होने दिया जाएगा।

डिप्रेशन में हैं स्टूडेंट्स

सिद्धार्थनगर में रहने वाले कपड़ा व्यापारी मोहम्मद जलाल अंसारी का बेटा ओसामा लामार्टीनियर कॉलेज के उन्हीं 24 स्टूडेंट्स में शामिल है जिनको कॉलेज ने बिना कारण बताए बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ओसामा के हाईस्कूल में 77 परसेंट माक्र्स आए हैं। वह यहां पर हॉस्टल किराए पर लेकर रहता है। ओसामा के पिता जलाल अंसारी ने बताया कि आज तक स्कूल से कभी उसकी एक छोटी सी भी शिकायत नहीं आई है।

उसके बाद अचानक बिना नोटिस के ही उसे स्कूल से निकाल दिया गया। इस सदमे से उनका बेटा डिप्रेशन में चला गया है और रात भर जागता रहता है। उसका दिल ना तो पढ़ाई में लग रहा है और ना ही किसी काम में। स्कूल की इस हरकत ने उनके बेटे की लाइफ बरबाद कर दी। जलाल बताते हैं कि स्कूल ने जो कैरेक्टर सार्टिफिकेट इश्यू किया है उसमें कहा गया कि यह स्टूडेंट बहुत ही अच्छा है।

कोई तो बताए वजह क्या है?

जलाल बताते हैं कि जब प्रिसिंपल से पूछा गया कि उनके बेटे को स्कूल से क्यों निकाला गया है तो उनका कहना था कि इसकी शिकायत स्कूल के सभी टीचर्स ने की है। उनका कहना है कि जब इस बारे में टीचर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्होंने बच्चे की कोई शिकायत नहीं की है। पेरेंट्स का कहना है कि आखिर वह क्या वजह है जिसकी वजह उनके बच्चों को सजा दी गई है। वहीं कुछ पैरेंट्स ने आरोप लगाया कि उनके बच्चों को हटाकर दूसरे रसूखदार लोगों के बच्चों के एडमिशन लिए जा रहे हैं। यही नहीं उनसे भी डेवलपमेंट चार्ज के रुप में पैसे की डिमांड की गई है।

अल्पसंख्यक आयोग में भी शिकायत

लामार्टीनियर ब्वायज कॉलेज के खिलाफ पेरेंट्स ने मोर्चा खोल दिया है। लामार्टीनियर प्रशासन ने जिन 24 बच्चों को स्कूल से निकाला है उसमें से 18 स्टूडेंट्स एक विशेष समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। इन पेरेंट्स ने अपनी शिकायत अल्पसंख्यक आयोग में भी दर्ज कराई है। पेरेंट्स का कहना है कि उनके बच्चे 90 परसेंट तक माक्र्स लाए हैं उसके बाद भी उनको द्वेष की भावना से स्कूल से निकाला गया है जबकि उनके बच्चे यहां पर नर्सरी और फस्र्ट से कॉलेज में पढ़ रहे हैं और उनकी कभी शिकायत नहीं आई है।

"किसी बच्चे के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। इस बारे में स्कूल से पूछताछ की जाएगी और उनको फिर से एडमिशन दिलाया जाएगा."

अनुराग यादव, डीएम

"अभी स्कूल बंद है लेकिन फिर भी इस मामले में प्रिसिंपल से बात की जाएगी। किसी भी बच्चे का फ्यूचर बरबाद नहीं होने दिया जाएगा."

उमेश त्रिपाठी, डीआईओएस

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