- प्रमुख सचिव हेल्थ आरपी सिंह ने किया मेडिकल कॉलेज का इंस्पेक्शन

- डॉक्टर्स से पूछी प्रॉब्लम्स और कॉलेज की बेहतरी के मांगे सजेशंस

GORAKHPUR : दीवारों और खिड़कियों पर चमचमाते नए पर्दे, बेड पर झक सफेद चादरें, कैंपस में कूड़े का नामोनिशान नहीं, डॉक्टर्स से लेकर कर्मचारी तक, सब अपनी जगह मुस्तैद थे। आम दिनों में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में शायद ही ऐसा नजारा कभी देखने को मिले। लेकिन मंडे को बात कुछ और थी। ये असर था प्रमुख सचिव, हेल्थ आरपी सिंह के दौरे का। मंडे को प्रमुख सचिव दौरे में मेडिकल कॉलेज की सुविधाओं से प्रभावित नजर आए। हालांकि पेशेंट्स और तीमारदारों को ये सब एक छलावा भर लगा। एक दिन की व्यवस्था को कैसे कोई चिरकाल की हकीकत मान ले, लेकिन प्रमुख सचिव उस छलावे में आ गये।

टाइम से पहले पहुंचे पीएस

जिले में जेई और एईएस की समीक्षा करने आए प्रमुख सचिव 10.30 बजे ही मेडिकल कॉलेज पहुंचे गए। आते ही उन्होंने वार्डो की ओर रुख किया। सबसे पहले इमरजेंसी पहुंच उन्होंने पेशेंट्स की संख्या और ट्रीटमेंट संबंधी जानकारी ली। वे आगे बढ़ते, इससे पहले कुशीनगर से पिता के जबड़े का इलाज कराने आए कौशल तिवारी ने शिकायत कर दी। उनका कहना था कि परेशानी होने पर यहां कोई सुनने वाला नहीं है। डाक्टर से मिलने पर डांट देते हैं। कई और पेशेंट्स ने भी अपनी परेशानी सामने रखी। उसके बाद प्रमुख सचिव ने सेंट्रल लैब, आइसीयू, सर्जरी, डायलिसिस, मेडिसिन, जेई और चिल्ड्रन वार्ड का इंस्पेक्शन किया और डॉक्टर्स व प्रिंसिपल को जरूरी निर्देश दिए।

काश हर दिन ऐसा ही रहता मेडिकल कॉलेज

मंडे को बीआरडी मेडिकल कॉलेज बिल्कुल बदला हुआ नजर आया। प्रमुख सविच के इंसपेक्शन के दौरान चलने वाले डॉक्टर्स भी ये कहते मिले कि काश हर दिन ऐसा ही माहौल रहता। पेशेंट्स और तीमारदारों के लिए ये किसी सपने से कम नहीं था। उनका कहना था कि आम दिनों में वार्डो में लगे पंखे तक जवाब दे जाते हैं, लेकिन मंडे को प्रमुख सचिव जिस गैलरी से गुजरे, वहां के पंखे फर्राटा भरते मिले। कई गैलरी में तो बाकायदा नए पंखे इंस्टाल किये गए थे।

बिना नेम प्लेट के डॉक्टर से लगता है डर

करीब छह माह पहले दिल्ली से गोरखपुर आने वाली गोरखधाम एक्सप्रेस में बिना नेम प्लेट के तीन सिपाहियों ने पैसेंजर को लूट लिया था। मंडे को भी कुछ ऐसा ही वाकया हुआ। बिना नेम प्लेट घूम रहे डॉक्टर्स से तीमारदार घबरा जाते हैं, प्रमुख सचिव को इस बात की जानकारी मंडे को हुई। देवरिया के आए एक पेशेंट के पिता राम प्रसाद दूबे ने बताया कि उन्हें बिना नेम प्लेट के एक डॉक्टर बार-बार डांटते हैं। मुझे उनसे डर लगने लगा है। मेरे बेटे का ठीक से इलाज करवाइए। प्रमुख सचिव ने सुनकर उस वार्ड में जाकर डॉक्टर्स?को जाकर निर्देश दिए।

प्रमुख सचिव ने किया सीधा संवाद

इंस्पेक्शन के बाद हुई समीक्षा बैठक में एडी हेल्थ डा। एके पांडेय ने एईएस और जेई से अफेक्टेड पेशेंट्स का पूरा ब्यौरा प्रमुख सचिव के सामने रखा। फिर पीएस ने कॉलेज के डिपार्टमेंट हेंड्स और डाक्टर्स से उनकी प्रॉब्लम्स और कॉलेज की बेहतरी के लिए सजेशंस मांगे। इस दौरान कई डॉक्टर्स ने मेडिकल कॉलेज के इंप्रूवमेंट के लिए सजेशंस सामने रखे। उनमें से ज्यादातर पर प्रमुख सचिव ने कार्रवाई की बात कहीं। मीडिया से बात करते हुए प्रमुख सचिव आरपी सिंह हॉस्पिटल और कॉलेज की व्यवस्थाओं से संतुष्ट नजर आए। उन्होंने कहा कि कॉलेज में संसाधन ठीक स्थिति में हैं। वे प्रयास करेंगे कि एमबीबीएस की सीटों को 100 से बढ़ाकर 150 कर दिया जाए।

ये लोग रहे मौजूद

प्रमुख सचिव हेल्थ आरपी सिंह के इंस्पेक्शन के दौरान डीजीएमई बीएन त्रिपाठी, सीएमओ डॉ। एमके सिंह, एनएचएम हेडएके मिश्रा , एडी डॉ। एके पांडेय, प्रिंसिपल डॉ। आरपी शर्मा, डॉ। सुनील आर्या, डीएम रंजन कुमार, एसएसपी प्रदीप कुमार सहित बड़ी संख्या में कॉलेज के डॉक्टर्स और हेल्थ इंप्लाइज मौजूद रहे।