-कैदी के काव्य संग्रह का डीआईजी जेल ने किया विमोचन

-कौशांबी जिला कारागार में दस साल कैद की सजा भुगत रहा है कैदी बृजेश

PRAYAGRAJ: पुलिस लाइन स्थित जिला कारागार में 10 साल की सजा भुगत रहे एक कैदी ने कविताओं के जरिए अपना दर्द बयां करते हुए अपराधियों की दास्तान नामक काव्य संग्रह तैयार किया है। इसमें कविताओं के जरिए कैदी ने अपना दर्द बयां किया है। पुस्तक का विमोचन डीआईजी जेल ने रविवार को प्रयागराज में किया। इसके पहले इसी कैदी ने अपनी चित्रकारी के जरिए जेल में बंद साथियों को बुराइयां छोड़ च्च्छे कार्य की ओर अग्रसर होने का संदेश दिया था।

लिया है तकनीकी प्रशिक्षण

साक्षरता के क्षेत्र में जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों ने बेहतर काम किया है। योग की पाठशाला चलाने से लेकर शिक्षा की कक्षा तक कौशांबी की जेल में चलाई गई। इतना ही नहीं जेल से छूटने के बाद बंदियों ने रोजगार के लिए अचार, मुरब्बा व अन्य तकनीकी प्रशिक्षण भी लिए। दुष्कर्म के मामले में 10 साल की सजा भुगत रहे बृजेश कुमार निवासी अफजलपुर सातों सैनी ने तो कमाल ही कर दिया। छह माह पहले उसने जेल की दीवारों में आकर्षक चित्रकारी की। उसने अपने चित्रकारी के जरिए साथी बंदियों को बुराई का रास्ता छोड़च्अच्छाई का सफर तय करने का संदेश दिया। अब वह करीब तीन महीने से कविताओं में रुचि लेने लगा। उसने कागज कलम के जरिए जेल की बैरक में बैठे-बैठे कविताएं लिखना शुरू कर दिया।

किसी को मत लूटो

कैदी ने अपने काव्य संग्रह का नाम रखा अपराधियों की दास्तान, एक कदम परिवर्तन की ओर। उसने अपनी कविता में लिखा है कि किसी को मत लूटो कि तुम भी लुट जाओ, पुलिस पकड़ ले तुमको और थाने में पीटे जाओ बृजेश के इस काव्य संग्रह की जानकारी जब जेल अधीक्षक बीएस मुकुंद को हुई तो उन्होंने इसकी जानकारी डीआइजी जेल बीआर वर्मा को दी। रविवार को कौशांबी के जेल अधीक्षक समेत केंद्रीय कारागार नैनी प्रयागराज के जेल अधीक्षक एके मिश्र, वीरेंद्र त्रिवेदी व काव्य संग्रह के प्रकाशन में अहम भूमिका निभाने वाले आशीष जौहरी की उपस्थिति में डीआईजी ने बृजेश की काव्य संग्रह का विमोचन किया।