बड़ी संख्या में कैदी है व्रत
सेंट्रल जेल में करीब 1923 बंदी सजा काट रहे हैं। सैटरडे को  नवरात्र का पहला दिन था और सेंट्रल जेल में 689 कै दियों ने शैलपुत्री माता के  लिए व्रत रखा। जेल का माहौल भक्ति  और आस्था से सराबोर है। ऐसा लग रहा है कि जेल नहीं, बल्कि  मां का दरबार है.

सुबह शाम बज रहे शंख
कैदी सुबह शंख बजाकर अपने व्रत की शुरु आत क रते हैं। मॉर्निंग छह बजे से ही वे जेल के  अंदर बने मंदिर पर जमा होना शुरू  जाते हैं। सात बजे से पंडित शिव नरायन मंदिर में मां की  आरती करते हैं। सैकड़ों कैदी मां क   आरती में भाग लेने के  बाद भजन- कर्तन में लीन हो जाते हैं। दोपहर तीन बजे सभी भक्त दोबारा से भजन-कर्तन के  लिए जमा होते हैं। व्रत न रखने वाले कैदी भी आरती और भजन-कर्तन में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। शाम को फिर एक  बार शंख बजाने के साथ ही सात बजे आरती की जाती है.


पहले दिन संख्या अधिक
नवरात्र के पहले दिन व्रत रखने वाले कैदियों की संख्या सबसे अधिक रहती है.5 अक्टूबर को नवरात्र का पहला दिन था इसलिए अधिकतर कैदियों ने व्रत रखा। आखिर दिन भी अधिकतर कैदी व्रत रखते हैं। डिस्ट्रिक जेल में 600 कैदियों ने व्रत रखे। सभी मिलाकर 1289 कैदी मां की भक्ति में डूबे हुए हैं.


जेल में मिल रही सुविधाएं
कैदियों की भक्ति और आस्था को देख सेन्ट्रल जेल के  वरिष्ठ अधीक्षक  वीआर वर्मा भी उनके  लिए बेहतर से बेहतर सुविधा देने का प्रयास कर रहे हैं। वे कै दियों के भजन-कीर्तन और प्रसाद के  लिए सामग्री तैयार उपलब्ध क रा रहे हैं। व्रत रखने वाले कै दियों के  लिए फ लों  का विशेष इंतजाम भी कि या है.

फास्ट में मिल रही
है ये सामग्री

आलू - 500 ग्राम
चीनी - 100 ग्राम
दूध - 250 ग्राम
फ ल - 250 ग्राम
चाय - 01

संतराम यादव-डिस्ट्रिक जेलर
डिस्ट्रिक जेल में भी 600 कैदियों ने नवरात्र के पहले दिन व्रत रखा है। नौ दिन तक उनके लिए अलग से इंतजाम हैं.

वीआर वर्मा-जेल अधीक्षक,  सेंट्रल जेल
सेंट्रल जेल में 689 कैदियों ने व्रत रखा है। उनके लिए अलग से फल, दूध और खाने का इंतजाम किया गया है। भजन-कीर्तन के लिए आर्केस्टा पार्टी भी है.