-बुधवार रात पुलिस ने जेल से जब्त किए 129 मोबाइल, सुबह बंदियों ने जमकर किया पथराव

-कैदी की मौत बना बहाना, जेल में दिनभर हाईवोल्डेज ड्रामा

-सुबह सिपाही, शाम में जेल डीआईजी व अधीक्षक को बनाया बंधक

GORAKHPUR: मंडलीय कारागार में जेल प्रशासन के सर्च अभियान से गुरुवार को तूफान खड़ा हो गया। मोबाइल की तलाशी लेने से नाराज बंदियों ने साथी की मौत के बहाने जमकर बवाल काटा। मेस खुलवाने गए सिपाही पर हमला कर पीटने लगे। बीच बचाव करने पहुंचे रक्षकों पर हमला कर दो को बंधक बना लिया और जमकर पथराव किया।

जेल में बवाल की सूचना पर पहुंचे डीएम और एसएसपी ने आंसू गैस के गोले दगवाए। रबर बुलेट छोड़कर बंदियों को काबू करने की कोशिश की, लेकिन हालात बिगड़ते चले गए। जेल अधीक्षक ने बंदियों से बातचीत करने का आश्वासन देकर डीएम और एसएसपी को लौटा दिया। उससे नाराज जेल के सिपाहियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। शाम करीब पांच बजे दोनों बंदी रक्षकों को छोड़कर बंदियों ने जेल डीआईजी और अधीक्षक को बंधक बना लिया। इस बीच चार बंदियों ने चहारदीवारी फांदकर भागने की कोशिश की। बंदियों को रोकने लिए बंदी रक्षकों को आधा दर्जन से गोलियां दागनी पड़ी। बंदियों ने जेल के भीतर जमकर तोड़फोड़ किया। एक पुरानी बिल्डिंग को आग के हवाले कर प्रदश्र्1ान किया।

मोबाइल मिलने से उपजा आक्रोश

मंडलीय कारागार में तमाम बंदी मोबाइल फोन यूज करते हैं। किसी ने इसकी शिकायत आईजी जेल से की थी। जांच में मोबाइल मिलने पर जेलर सहित अन्य अफसरों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश आईजी ने दिया। इसके बाद जेल में लगातार सर्च अभियान चल रहा है। तीन दिन पहले जेलर डॉ। आरके सिंह ने मोबाइल यूज करने वालों को अल्टीमेटम दिया। कुछ बंदियों ने स्वेच्छा से मोबाइल जमा करा दिया। लेकिन कई बंदियों के मोबाइल बजते रहे। मंगलवार और बुधवार रात जेल में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। बुधवार रात करीब 12 बजे अचानक छापेमारी कर जेल अधिकारियों ने 129 मोबाइल फोन बरामद किए। इसको लेकर बंदियों में आक्रोश बढ़ता चला गया।

नहाने में बिगड़ी हालत, मौत पर शुरू हुआ हंगामा

चिलुआताल एरिया के मीरपुर दुबी निवासी सूर्यभान हत्या के मामले में सजा काट रहा था। गुरुवार सुबह जेल खुली तो सब कुछ सामान्य था। करीब सात बजे वह नहाने गया। तभी अचानक उसकी हालत बिगड़ गई। जेल के डॉक्टरों ने हालत नाजुक बताकर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत बताया। मौत की सूचना आते ही बंदी एकजुट हो गए। बैरक नंबर एक, तीन, 10 और 11 के कुछ बंदी जुट गए। बंदियों ने पिटाई का आरोप लगाकर जेल अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। जेलर और बंदी रक्षकों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एकजुट हो गए। बंदी रक्षकों ने उनको समझाने की कोशिश की तो मामला बिगड़ता चला गया।

वर्जन

जेल में भोजन और खराब व्यवहार को लेकर कुछ परेशानियां थी। बंदियों से बात करके उनका समाधान करा दिया गया है। नाराजगी के चलते बंदियों ने गुस्से का इजहार किया। अब जेल में सब कुछ ठीक है। कोई गड़बड़ी नहीं है।

संध्या तिवारी, डीएम

जेल में बवाल की सूचना पर फोर्स पहुंची थी। जेल अधीक्षक ने कहा कि वह सारा मामला हैंडल कर लेंगे। बातचीत से मामले को सुलझाने की कोशिश की लेकिन बंदी मानने को तैयार नहीं हुए।

रामलाल वर्मा, एसएसपी

हमने जेल में सर्च अभियान चलाया था। सख्ती से कुछ बंदी और कैदी बौखला गए हैं। बुधवार रात भी मोबाइल जब्त किए गए हैं। इस वजह से बंदियों ने बवाल काटा है। बंदी की मौत बीमारी से हुई। पिटाई और खराब व्यवहार की बात गलत है।

डॉ। आरके सिंह, जेलर

जेल के बंदी मेरे बच्चे हैं। वह मुझे देवता की तरह की मानते हैं। मैं उनको समझा बुझाकर शांत करा लूंगा। कोई प्रॉब्लम नहीं होने दी जाएगी।

एसके शर्मा, वरिष्ठ जेल अधीक्षक