नवरात्र पर मां की भक्ति में डूबे बंदी
जिला जेल में 'जेल में अंबे गौरी मां की जयकारे से माहौल भक्तिमय बना हुआ है। बंदी नवरात्र में पूजा पाठ में लगे हैं। जेल प्रशासन भी बंदियों की सेवा में लगा है। इनको सुबह शाम पूजा से संबंधित सामग्री और खाने पीने का ध्यान रख रहा है। सैकड़ों बंदी यहां व्रत रखकर मां की आराधना कर रहे हैं। मन में भक्ति, जुबान पर मां का नाम, अपने अंदर के रावण को मिटाने का ख्याल इनको शायद सही राह दे दे.
देखते बनता है माहौल
जेल में एक बड़ा सा हॉल। वैसे तो यह पढऩे के लिए बनाया गया है। जहां मां सरस्वती की तस्वीर है। इसी हॉल में व्रत रखने वाले सभी बंदी इकट्ठा होते हैं। मंगलवार को भी दोपहर में पूजा अर्चना के लिए सैकड़ों बंदी इकट्ठा हुए। पूजा के दौरान जेल सुपरिटेंडेंट एसएचएम रिजवी और डिप्टी जेलर भी मौजूद रहे। पंडित जी ने पूजा पाठ शुरू की। जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया था। मां अंबे गौरी की आरती की गई। सभी ने मां का आशीर्वाद लिया। व्रत रखने वाले कुछ बंदियों ने अपने-अपने बैरकों में भी दुर्गा मां की मूर्ति व तस्वीर स्थापित कर रखी हैं। जहां कुछ बंदी अपने ही बैरक में पूजा करते हैं. 
जेल के पंडित
जेल में बंद मनोज शास्त्री बाफर थाना जानी का रहने वाला है। पिछले 18 महीने से जेल में दहेज हत्या के आरोप में सजा काट रहा है। नवरात्र में पूरे नौ व्रत रखता है। जेल के अंदर होने वाली पूजा पाठ में मंत्र्चेच्चारण भी मनोज ही करता है। सुबह और शाम जब भी मां की आरती होती है वही पंडित होता है। पूरे विधि विधान से पूजा पाठ किया जाता है। जहां बंदी पढ़ाई करते हैं, वहीं मंदिर बना रखा है। जहां व्रत रखने वाले बंदी इकट्ठा होते हैं.
प्रधान जी ने रखा व्रत
चिंदौड़ी के रहने वाले राजपाल प्रधान जी हत्या के मामले में जेल में बंद हैं। बुजुर्ग हैं मगर नवरात्र में मां की भक्ति में लगे हैं। इन्होंने पूरे नवरात्र व्रत रखे हैं। मां दुर्गा की पूजा करने में जुट जाते हैं। इनके कुछ बुजुर्ग साथियों ने भी व्रत रखा है। पूजा पाठ के बाद पूरा समय अपने साथियों बिजेंद्र सिंह, सहदेव, नरवीर सिंह आदि में गुजारते हैं। पूरी श्रद्धा के साथ व्रत रखते हैं और अपने गलत कामों की क्षमा मांगते हैं.

फिगर्स स्पीक 
-जेल में मौजूद है 2900 बंदी.
-नवरात्र के पहले दिन 857 बंदियों ने रखा व्रत. 
-इसमें शामिल थे 806 पुरुष और 51 महिलाएं.
-जेल में 775 लोगों ने रखा पूरे नवरात्र व्रत 

व्रत रखने वाले बंदियों का पूरा ख्याल रखा जाता है। सभी के लिए सुबह चाय व फल की व्यवस्था है तो शाम को पूजा के बाद उबले आलू, दूध व फल दिए जाते है. 
-एसएचएम रिजवी 
जेल सुपरिटेंडेंट 

नवरात्र पर मां की भक्ति में डूबे बंदी

जिला जेल में 'जेल में अंबे गौरी मां की जयकारे से माहौल भक्तिमय बना हुआ है। बंदी नवरात्र में पूजा पाठ में लगे हैं। जेल प्रशासन भी बंदियों की सेवा में लगा है। इनको सुबह शाम पूजा से संबंधित सामग्री और खाने पीने का ध्यान रख रहा है। सैकड़ों बंदी यहां व्रत रखकर मां की आराधना कर रहे हैं। मन में भक्ति, जुबान पर मां का नाम, अपने अंदर के रावण को मिटाने का ख्याल इनको शायद सही राह दे दे।

देखते बनता है माहौल

जेल में एक बड़ा सा हॉल। वैसे तो यह पढऩे के लिए बनाया गया है। जहां मां सरस्वती की तस्वीर है। इसी हॉल में व्रत रखने वाले सभी बंदी इकट्ठा होते हैं। मंगलवार को भी दोपहर में पूजा अर्चना के लिए सैकड़ों बंदी इकट्ठा हुए। पूजा के दौरान जेल सुपरिटेंडेंट एसएचएम रिजवी और डिप्टी जेलर भी मौजूद रहे। पंडित जी ने पूजा पाठ शुरू की। जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया था। मां अंबे गौरी की आरती की गई। सभी ने मां का आशीर्वाद लिया। व्रत रखने वाले कुछ बंदियों ने अपने-अपने बैरकों में भी दुर्गा मां की मूर्ति व तस्वीर स्थापित कर रखी हैं। जहां कुछ बंदी अपने ही बैरक में पूजा करते हैं. 

जेल के पंडित

जेल में बंद मनोज शास्त्री बाफर थाना जानी का रहने वाला है। पिछले 18 महीने से जेल में दहेज हत्या के आरोप में सजा काट रहा है। नवरात्र में पूरे नौ व्रत रखता है। जेल के अंदर होने वाली पूजा पाठ में मंत्र्चेच्चारण भी मनोज ही करता है। सुबह और शाम जब भी मां की आरती होती है वही पंडित होता है। पूरे विधि विधान से पूजा पाठ किया जाता है। जहां बंदी पढ़ाई करते हैं, वहीं मंदिर बना रखा है। जहां व्रत रखने वाले बंदी इकट्ठा होते हैं।

प्रधान जी ने रखा व्रत

चिंदौड़ी के रहने वाले राजपाल प्रधान जी हत्या के मामले में जेल में बंद हैं। बुजुर्ग हैं मगर नवरात्र में मां की भक्ति में लगे हैं। इन्होंने पूरे नवरात्र व्रत रखे हैं। मां दुर्गा की पूजा करने में जुट जाते हैं। इनके कुछ बुजुर्ग साथियों ने भी व्रत रखा है। पूजा पाठ के बाद पूरा समय अपने साथियों बिजेंद्र सिंह, सहदेव, नरवीर सिंह आदि में गुजारते हैं। पूरी श्रद्धा के साथ व्रत रखते हैं और अपने गलत कामों की क्षमा मांगते हैं।

फिगर्स स्पीक

-जेल में मौजूद है 2900 बंदी।

-नवरात्र के पहले दिन 857 बंदियों ने रखा व्रत।

-इसमें शामिल थे 806 पुरुष और 51 महिलाएं।

-जेल में 775 लोगों ने रखा पूरे नवरात्र व्रत

"व्रत रखने वाले बंदियों का पूरा ख्याल रखा जाता है। सभी के लिए सुबह चाय व फल की व्यवस्था है तो शाम को पूजा के बाद उबले आलू, दूध व फल दिए जाते है."

-एसएचएम रिजवी, जेल सुपरिटेंडेंट