-हमेशा विवाद में रही है धान क्रय योजना, एजी ने भी उठाया है सवाल

रांची : धान खरीद के दौरान प्रतिवर्ष हो रही फजीहत से नसीहत लेते हुए राज्य सरकार ने अब इस अहम सौदे में प्रत्यक्ष भागीदारी से किनारा करना शुरू कर दिया है। किसानों से सीधे धान की खरीद अब एफसीआइ के अलावा निजी एजेंसियां करेंगी। नेशनल फेडरेशन ऑफ फार्मर्स प्रोक्योरमेंट प्रोसेसिंग एंड रिटेलिंग को-ऑपरेटिव ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसीओएफ) को भी धान की खरीद से जोड़ा गया है।

धान खरीद के किसानों से जुड़े सौदों में राज्य सरकार की भूमिका मॉनीटरिंग तक ही सीमित रहेगी। खाद्य आपूर्ति विभाग का राज्य खाद्य निगम औपचारिकरूप से सिर्फ एकमात्र जिले रामगढ़ में ही धान की खरीद करेगा। दरअसल, धान खरीद से जुड़ी योजना में हर बार अनियिमितता की शिकायत पाई गई है। महालेखाकार ने भी अपनी जांच में धान खरीद योजना पर सवाल उठाया था। पिछली खरीद से सबक लेते हुए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने अब इससे पल्ला झाड़ने का निर्णय लिया है। तर्क यह दिया जा रहा है एनएसीओएफ या निजी एजेंसियों को जोड़ने से सरकार को धान क्रय के लिए राशि की व्यवस्था भी नहीं करनी पड़ेगी। विभाग ने इस अहम निर्णय से संबंधित संकल्प को प्रकाशित कर दिया है।

कहां कौन करेगा धान की खरीद

वर्ष 2016-17 खरीफ फसल के लिए यह तय किया गया है कि पलामू, दक्षिण छोटानागपुर एवं कोल्हान प्रमंडल में एफसीआइ स्वयं या निजी एजेंसियों के माध्यम से धान क्रय करेगी। संताल परगना में धान अधिप्राप्ति के लिए एनएसीओएफ को नामित किया गया है। छोटानागपुर प्रमंडल में रामगढ़ को छोड़कर प्राइवेट प्लेयर्स धान क्रय करेंगे। इनका चयन निविदा के माध्यम से किया जाएगा। रामगढ़ जिले में धान अधिप्राप्ति झारखंड खाद्य निगम एवं असैनिक आपूर्ति निगम द्वारा की जाएगी।

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