आई शॉकिंग

-रिम्स की जांच में निगेटिव आई रिपोर्ट

-जे शरण पैथोलॉजी लैब में कराया था टेस्ट

RANCHI (12 Mar): राजधानी में प्राइवेट पैथोलॉजी लैब की भरमार है, जहां की टेस्ट रिपोर्ट पर आंख मूंदकर भरोसा करना खतरे से खाली नहीं है। यह चौंकानेवाला खुलासा सोमवार को हुआ है, जहां जे शरण पैथोलॉजी की रिपोर्ट में जयशंकर नामक एक नॉर्मल मरीज को हीमोफीलिया पेशेंट बता दिया गया। इसके बाद परिजनों के होश उड़ गए। मरीज को लेकर भागते हुए परिजन रिम्स पहुंचे, ताकि हीमोफीलिया ट्रीटमेंट सेंटर में उसका इलाज हो सके। जब मरीज का टेस्ट किया गया कि हीमोफीलिया का कौन सा फैक्टर चढ़ाया जाए, तो उसकी हीमोफीलिया होने की निगेटिव रिपोर्ट आई। इसके बाद मरीज के परिजनों ने राहत की सांस ली। बताया कि जयशंकर को 18 साल में कभी भी ऐसी कोई समस्या नहीं हुई है।

वर्जन

लोगों को प्राइवेट लैब पर भरोसा होता है इसलिए जाचं कराने के लिए चले जाते है। लेकिन यहां तो रिपोर्ट ही गलत दी जाती है। ऐसे में कमजोर दिल का मरीज तो मर जाएगा। अब मरीज को जो बीमारी ही नहीं है और न ही कोई लक्षण है तो उसे बीमारी बता दी गई। हमलोगों की टेस्ट में निगेटिव होने की पुष्टि हुई तो परिजनों के चेहरे खिल गए।

-संतोष जायसवाल, सेक्रेटरी, हीमोफीलिया सोसायटी, रिम्स