- कैबिनेट ने भूमि के मानकों में किया संशोधन

LUCKNOW :

कैबिनेट ने निजी विश्वविद्यालयों के लिए दी जाने वाली भूमि के मानकों में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गये संशोधन के मुताबिक अब नगरीय क्षेत्र में 40 एकड़ के बजाय 20 एकड़ और ग्रामीण क्षेत्र में 100 एकड़ के बजाय 50 एकड़ भूमि में विश्वविद्यालय की स्थापना की जा सकती है। दरअसल परस्पर सटी हुई भूमि मिलने में आने वाली कठिनाई को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। इसमें बदलाव से प्रदेश में बड़े पैमाने पर निजी विश्वविद्यालय खुल सकेंगे जिससे छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापरक शिक्षा मिलने के साथ रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

जेपी को वन्य क्षेत्र की भूमि नहीं

कैबिनेट ने सोनभद्र में जेपी एसोसिएट की वन्य क्षेत्र की भूमि को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है हालांकि पूर्ववर्ती सपा सरकार के निर्णय के विपरीत अब उन्हें दूसरी जगह सामान्य भूमि दी जाएगी। दरअसल राज्य सरकार ने यह फैसला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश और केंद्र सरकार के नियमों के आधार पर लिया है। मालूम हो कि उक्त स्थान पर जेपी एसोसिएट की सीमेंट फैक्ट्री बंद पड़ी है। दूसरी जगह भूमि देने से यह दोबारा शुरू होगी जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

करछना के लिए होगी नई बिडिंग

कैबिनेट ने करछना तापीय परियोजना की स्थापना के लिए नये सिरे से प्रतिस्पर्धात्मक निविदा आमंत्रित करने का फैसला लिया है। दरअसल पूर्ववर्ती बसपा सरकार में यह परियोजना जेपी एसोसिएट को दी गयी थी पर कुछ समय बाद उसने इसका निर्माण करने से इंकार कर दिया। वहीं अखिलेश सरकार में इसके निर्माण का जिम्मा उप्र राज्य विद्युत उत्पादन निगम को सौंप दिया गया। अब योगी सरकार ने तय किया है कि नये सिरे से निविदाएं आमंत्रित की जाएं ताकि कम दाम में जनता को बिजली उपलब्ध करायी जा सके। वहीं राज्य सरकार द्वारा इस परियोजना पर व्यय की जाने वाली करीब 10,700 करोड़ रुपये की धनराशि का इस्तेमाल अब ग्रामीण इलाकों की बिजली व्यवस्था को सुधारने में किया जाएगा।