BAREILLY: 8 अप्रैल को समीक्षा अधिकारी का एग्जाम देने आई प्रियंका वर्मा के ऊपर पोल गिरने से मौत हुई थी। अब इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गई है। प्रियंका के पिता विजय बहादुर वर्मा ने आयोग से नगर निगम के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है। विजय बहादुर का कहना है कि जर्जर पोल की शिकायत स्थानीय लोगों द्वारा किए जाने के बाद भी नगर निगम ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जिस लापरवाही का खामियाजा उनकी बेटी को जान गंवाकर भुगतना पड़ा। राष्ट्रीय मनवाधिकार आयोग के साथ ही यूपी पिछड़ा वर्ग कल्याण के प्रमुख सचिव से भी इस मामले की शिकायत की गई है।

 

नगर निगम बरत रहा है लापरवाही

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में छपी खबर की कटिंग लगाकर सामाजिक संस्था जागर के सचिव व बीसीबी में लॉ के प्रोफेसर डॉ। प्रदीप कुमार ने सीएम पोर्टल पर इस बात की शिकायत 15 अप्रैल को की थी। शासन ने बरेली डीएम को मामले की जांच को कहा था। डीएम ने बिजली विभाग के शहरी एक्सईएन द्वितीय को आवश्यक कार्यवाई करने के आदेश दिए हैं। लेकिन मामला बिजली विभाग का नहीं होने पर मामले की जांच नगर निगम को सौंप दी गई। लेकिन पिछले 5 दिनों में नगर निगम ने अपनी जांच रिपोर्ट डीएम को नहीं सौंपी। जबकि, शासन ने शिकायत का निस्तारण करके जांच रिपोर्ट 30 अप्रैल तक सौंपने को कहा है।

 

टूट गए थे हाथ-पैर

टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक के राजकीय इंटर कॉलेज कुमशिला में कार्यरत विजय बहादुर वर्मा की बेटी राजकीय इंटर कॉलेज कठूड़ हिंदाव में गेस्ट टीचर के पद पर कार्यरत थी। प्रियंका अपने पिता के साथ समीक्षा अधिकारी का एग्जाम देने के लिए 8 अप्रैल को शहर आई हुई थी। जिसका सेंटर पीलीभीत रोड आलमनगर सूर्या इंटर कॉलेज में पड़ा था। सेटेलाइट पर सुबह 7 बजे वह साधन का इंतजार कर रहे थे। तभी सीयूजीएल के एक टैंकर ड्राइवर ने गाड़ी बैक करते हुए नगर निगम के स्ट्रीट लाइन को टक्कर मार दी। जिससे जर्जर पोल टूट कर प्रियंका के ऊपर गिर गया था। जिससे प्रियंका के बाये हाथ पैर की हड्डी टूट गई थी। सिर में गंभीर चोटें अाई थी।

 

13 अप्रैल को हो गई थी मौत

गांधी उद्यान स्थित एक निजी अस्पताल में प्रियंका का इलाज चल रहा था। 4 दिन बाद भी स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर परिजन उसे 12 अप्रैल को लखनऊ केजीएमसी लेकर चले गए। जहां पर उसने 13 अप्रैल दोपहर 2.30 को अंतिम सांस ली। डॉक्टर के मृत घोषित करने पर परिजन प्रियंका की डेडबॉडी अपने घर लेकर चले गए थे। प्रियंका का अंतिम संस्कार मूल निवास स्थान बलिया में ही किया गया। मरने से पहले प्रियंका ने अपनी आंखें दान भी कर दी थी।