-- भ्रष्टाचार में फंसे अफसरों को बचाने के लिए केस्को ने यूपीपीसीएल से मांगी मदद, सिविल एक्सईएन या सुपरिटेंडेंट इंजीनियर से जांच कराने को भेजा लेटर

- सबस्टेशन की गुणवत्ता पर मोहर लगाने वाले इंजीनियर्स पर गिर सकती है गाज, कांट्रैक्टर कम्पनी के खिलाफ एफआईआर और ब्लैक लिस्ट की हो चुकी कार्रवाई

KANPUR: भ्रष्टाचार की बुनियाद पर बनाए गए सिंहपुर सबस्टेशन के दो साल में ही धंसने की गूंज शासन और सीएम तक पहुंचने से केस्को ऑफिसर्स में अफरातफरी मच गई है। उन्होंने अपनी गर्दन बचाने के लिए गेंद यूपीपीसीएल के पाले में डाल दी है। केस्को ने यूपीपीसीएल से सिविल के सुपरिटेंडेंट या एक्सईएन की अगुवाई वाली टीम से जांच कराने के लिए लेटर भेजा है। हालांकि इसे सिंहपुर सबस्टेशन के निर्माण-कार्य से जुड़े इंजीनियर्स को बचाने का भी खेल भी माना जा रहा है।

डीजे आई नेक्स्ट की खबर का असर

वर्ष 2016 में 5.22 करोड़ से बनकर तैयार हुआ सबस्टेशन पिछले महीने धंस गया था। सबस्टेशन की दीवारों पर दरारों के अलावा फर्श धंसने से टाइल्स भी उखड़ने लगी थी। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सबसे पहले 15 सितंबर को पब्लिश हुए अंक में इसका खुलासा किया था। इसके बाद जागे केस्को ऑफिसर्स ने सारा ठिकरा कांट्रैक्टर कम्पनी पर फोड़ दिया। उन्होंने कांट्रैक्टर कम्पनी को ब्लैक लिस्ट करने के अलावा उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी है।

गर्दन बचाने में जुटे अफसर

भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद भी अभी तक सबस्टेशन के निर्माण कार्य से जुड़े किसी ऑफिसर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि एक नहीं कम से कम 6-6 बार जेई, एई व एक्सईएन ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर मोहर लगाई। उनकी मोहर के बाद ही कांट्रैक्टर कम्पनी को हर बार लाखों का पेमेंट भी केस्को के खाते से किया गया है। हालांकि केस्को ऑफिसर्स को बचाने के इस खेल की शिकायत प्रमुख सचिव ऊर्जा, ऊर्जा मंत्री ही चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ तक से की गई। इससे केस्को के ऑफिसर्स में अफरातफरी मच गई है। अब वह अपनी गर्दनें बचाने की जुगत में लग गए हैं।

कौन करे मामले की जांच?

अफसरों ने केस्को में सिविल के एक्सईएन या सुपरिटेंडेंट न होने की वजह से यूपीपीसीएल से मदद मांगी है। जांच के लिए उन्हें नामित करने के लिए लेटर भेजा है। केस्को में वर्तमान में तैनात सिविल के इकलौते जेई गुलशन कुमार व एई अश्वनी कुमार ने सिंहपुर सबस्टेशन के निर्माण-कार्य मानक के अनुरूप होने की कई बार रिपोर्ट दे चुके हैं। केस्को ऑफिसर सीएसबी अंबेडकर ने कहा कि केस्को में सिविल के एक्सईएन या एसई तैनात नहीं है। इसीलिए यूपीपीसीएल से जांच के लिए नामित करने का अनुरोध किया गया है।