-शहर की आधी आबादी को रुक्का से नहीं हुई पानी की सप्लाई

-रिम्स में भी पानी के लिए भटकते रहे मरीजों के परिजन

-कई संगठनों के लोग उतरे सड़क पर, जाम से जूझती रही सिटी

-घंटों जाम में फंसी स्कूल बसें, थककर सो गए बच्चे

RANCHI (29 Oct) : सिटी के लोगों के लिए सोमवार का दिन परेशानियों वाला रहा। एक ओर जहां वाटर सप्लाई नहीं होने से सुबह ने मूड खराब किया, वहीं बाकी बचा कसर दिनभर के जाम ने निकाल दिया। सिटी से लेकर रिम्स तक में आम लोग से लेकर मरीज तक पानी के लिए तड़पते रहे। दूसरी ओर रसोइया संघ, कांग्रेस पार्टी और रांची यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के धरना और प्रदर्शन की वजह से शहर के मुख्य इलाकों में दिनभर गाडि़यां रेंगती रहीं। बच्चे से लेकर बड़े-बुजुर्ग बल्कि मरीज तक घंटों जाम में फंसे रहे।

भूखे-प्यासे बिलखते रहे बच्चे

स्कूल बसों के जाम में फंसने की वजह से छोटे-छोटे बच्चे भूखे-प्यासे बिलखते-बिलखते सो गए। इसके बावजूद प्रशासन जाम को कंट्रोल करने में सफल नहीं हो सका। काफी मशक्कत के बाद पुलिस के जवानों ने धीरे-धीरे गाडि़यों को निकलवाया तब जाकर स्थिति ठीक हुई।

रसोइया संघ ने किया जाम

राज्यभर के रसोइया पिछले एक महीने से पेमेंट बढ़ाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। सोमवार को संघ के सदस्यों ने रातू रोड को पूरी तरह से जाम कर दिया। इस वजह से रातू रोड, हटिया, लालपुर जाने वाले लोगों को काफी परेशानी हुई। किसी तरह लोग गली-मोहल्ले के रास्ते से अपने काम पर गए। इस दौरान पुलिस ने उन्हें हटाने का प्रयास किया और हाथापाई भी हुई।

स्टूडेंट्स का प्रदर्शन

रांची यूनिवर्सिटी कैंपस में कामर्शियल गाडि़यों की इंट्री से आए दिन दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। इस वजह से स्टूडेंट्स ने कैंपस में कॉमर्शियल गाडि़यों की एंट्री रोकने की मांग करते हुए रोड को जाम कर दिया। स्टूडेंट्स का कहना था कि सभी स्टूडेंट्स का बीमा कराया जाना चाहिए। वहीं गाडि़यों की एंट्री पर रोक नहीं लगाई जाती है तो यूनिवर्सिटी प्रशासन के विरोध में आंदोलन तेज किया जाएगा।