-इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे कंज्यूमर

-समय पर नहीं मिलता इलेक्ट्रिसिटी बिल

-बिल में कई तरह की गड़बडि़यों की शिकायत

abhijit.pandey@inext.co.in

JAMSHEDPUR: पहले कनेक्शन लेने के लिए दौड़धूप, कनेक्शन मिल गई तो बिल के लिए भागदौड़, गलत बिल मिल गई तो उसे सुधरवाने के लिए फिर से चक्कर, हाथ में सही बिल आ गई तो फिर उसे जमा करने के लिए घंटों की धक्का-मुक्की के बाद घर पहुंचे, तो इस बात की भी गारंटी नहीं कि बिजली रानी के दर्शन हो ही जाएं। इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट ने मानो लोगों को एथलीट बनाने की कसम खा ली हो। मजाल है की कोई काम बगैर दौड़धूप और परेशानी के हो जाए। जमशेदपुर में इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट के कंज्यूमर्स ऐसी ही कई परेशानियों से जूझ रहे हैं।

कनेक्शन मिल गया, नहीं मिलता बिल

पारडीह के रहने वाले नेपाल महतो ने करीब एक साल पहले घर में बिजली का कनेक्शन लगवाया था। एक साल से उनके यहां बिजली तो जल रही है, लेकिन इसका बिल नहीं मिल रहा है। बिल के लिए इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट के चक्कर लगाते-लगाते चप्पल घिस गए। नेपाल महतो की ही तरह कई लोग बिल के लिए इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट के ऑफिसेज में चक्कर लगाने को मजबूर हैं। चिंता होती है कि अगर कई महीनों का बिजली बिल एक साथ आ गया, तो उसे चुकाना मुश्किल हो जाएगा, लोगों की इस परेशानी की इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट को कोई परवाह नहीं। डिपार्टमेंट द्वारा समय-समय पर अभियान चलाकर बकाएदारों का बिजली कनेक्शन काटा जाता है, लेकिन कनेक्शन काटने से पहले अगर बिलिंग की प्रक्रिया को सुचारू कर लिया जाए, तो संभावना है कि कई लोग बकाएदार बनने से बच जाएं।

बिजली बिल हाथ में आ जाए तो भी जरूरी नहीं कि कंज्यूमर्स की परेशानियां खत्म हो जाएं। बिल में कई तरह की गड़बडि़यों की वजह से भी कंज्यूमर्स को परेशान होना पड़ता है। कभी पावर कंजंप्शन से ज्यादा इलेक्ट्रिसिटी बिल आ जाता है, तो कभी बिल जमा करने के बावजूद बकाया बताया जाता है। मानगो की रहने वाली सीमा ने बताया कि करीब तीन-चार महीने पहले उन्हें इलेक्ट्रिसिटी बिल मिला उसमें वास्तविक मीटर रीडिंग से करीब क्00 यूनिट ज्यादा का बिल दिया गया था। उन्होंने कहा कि उस बार तो उन्हें उसी बिल पर पेमेंट करना पड़ा, बाद में उसे आगे के महीने के इलेक्ट्रिसिटी बिल में सेटल किया गया। कई कंज्यूमर्स ऐसे भी हैं, जो बिजली बिल जमा करने के बावजूद अगले महीने के बिजली बिल में उसे बकाया बताते हुए जोड़ दिया जाता है। इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट की इस लापरवाही का खामियाजा कंज्यूमर्स को भुगतना पड़ रहा है।

क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि

इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट की लापरवाहियों की वजह से लोगों को हो रही समस्याओं के बारे में आई नेक्स्ट ने जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय से बात की। आइए जानते हैं क्या कहा सरयू राय ने

बिजली विभाग भ्रष्टाचार का दूसरा नाम पहले से भी रहा है और पिछले दो सालों में यह और भी बढ़ गया है। जितने पैसे खर्च होते हैं उसका दस परसेंट काम भी बिजली बोर्ड में नहीं हुआ है। बिजली बोर्ड के ऊपर के लोग जितने भ्रष्ट हैं उस भ्रष्टाचार का असर नीचे तक दिखाई देता है। विभाग का एक-एक आदमी जनता की ब्लैकमेलिंग करता है। चाहे विभाग का जेई हो या लाइनमैन, उन्हें लगता है कि जनता की उनकी मर्जी पर है। अर्जुन मुंडा के मुख्यमंत्री रहते हुए जमशेदपुर, धनबाद जैसे शहरों में पावर डिस्ट्रीब्यूशन का काम फ्रेंचाइजी को देना का फैसला किया गया था। इससे लोगों को उतने ही पैसों में बेहतर बिजली मिलती। पर हेमंत सोरेन सरकार ने फ्रेंचाइजी ऑर्डर खत्म कर दिया। इसके बाद कंपनी हाई कोर्ट गई जहां से उन्हे सरकार के पास जाने को बोला गया। अब सरकार के पाले में गेंद है। इस जब चाहे पुनर्जीवित किया जा सकता है।

पूरे सर्किल में इलेक्ट्रीसिटी डिपार्टमेंट के ख्.भ् लाख कंज्यूमर्स हैं। हो सकता है कि कुछ कंज्यूमर्स को बिजली बिल मिलने में देरी हो जाती हो, लेकिन कंज्यूमर्स भी ऑनलाइन अपना बिजली बिल चेक कर सकते हैं। जमा किया गया बिल भी नए बिल में जुट जाने की कुछ शिकायतें आती हैं। फ्क् तारीख के बाद अगर बिल जमा किया जाता है, तो इस तरह समस्या होती है।

-एपी सिंह, जीएम, जेएसईबी, जमशेदपुर सर्किल

मैंने एक साल पहले बिजली का कनेक्शन लगवाया था, लेकिन अभी तक बिजली का बिल मिलना शुरू नहीं हुआ है। बिजली विभाग के ऑफिस जाने पर बिल देने के लिए दोबारा बुलाया गया है।

-नेपाल महतो, पारडीह

कुछ महीनों पहले मुझे मीटर रीडिंग से ज्यादा का बिजली बिल दे दिया गया था। इस संबंध में बिजली विभाग में संपर्क किया, तो तो वही बिल जमा करने को कहा गया और जितने एक्स्ट्रा यूनिट के लिए पैसे लिए गए उसे आगे के बिल में सेटल करने की बात कही गई।

-सीमा, मानगो

मेरी बेटी ने बिजली का कनेक्शन लिया था, लेकिन तीन-चार महीने तक बिल नहीं आया। बिल के लिए काफी भागदौड़ करनी पड़ी तब कहीं जाकर बिजली बिल मिलना शुरू हुआ।

-सीबी प्रसाद, मानगो