टेंडर हो गया फेल

ज्वाइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर रामकरण राम ने बताया कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का मामला इन दिनों हाई कोर्ट में है। जब तक कोर्ट का डिसीजन नहीं आता इस प्रोजेक्ट में कोई प्रोग्रेस नहीं दिख सकेगी। उन्होंने बताया कि जिन चार कंपनीज को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने का टेंडर दिया गया था, उन्होंने बाद में इसे एक्सेप्ट करने से मना कर दिया। जिससे यह टेंडर फेल हो गया और मामला हाई कोर्ट में चला गया है। फिलहाल ये मामला कोर्ट में पेंडिंग है।

इस साल तक नहीं हैं start होने के आसार
फिलहाल करेंट स्टेटस को देखते हुए यही लगता है कि 2013 में इस प्रोजेक्ट के दोबारा से स्टार्ट होने के कोई आसार नहीं हैं। डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (डीटीओ) जॉर्ज कुमार का कहना है कि इस प्रोजेक्ट को लेकर अभी तक हमारे पास कोई रिपोर्ट नहीं आई है। वैसे भी ये ऑर्डर पहले रांची आरटीओ ऑफिस आएगा, उसके बाद ये सभी डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसेज में फॉर्वर्ड किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले यहां पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट सिस्टम को लेकर टेंडर पास किया गया था। पर बाद में टेंडर फेल हो जाने के चलते मामला पोस्टपोन कर दिया गया। डीटीओ भी इस प्रोजेक्ट के स्टार्ट में वक्त लगने की बात से इत्तेफाक रखते हैं।  

'अभी ये मामला हाई कोर्ट में पेंडिंग है। हम सभी कोर्ट के डिसीजन के आने का वेट कर रहे हैं। कोर्ट का डिसीजन आने के बाद ही कोई फर्दर स्टेप लिया जा सकेगा.'
-रामकरण राम, ज्वाइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, झारखंड

'कुछ मंथ पहले हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट सिस्टम को लेकर टेंडर पास किया गया था, लेकिन बाद में टेंडर फेल हो जाने के चलते प्रोजेक्ट पोस्टपोन करना पड़ा। अब जो भी डिसीजन आता है वो पहले रांची आरटीओ आएगा इसके बाद उसे सभी डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसेज में फॉर्वर्ड किया जाएगा.'
-जॉर्ज कुमार, डिस्ट्रिक्ट टांसपोर्ट ऑफिसर, ईस्ट सिंहभूम

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