-20 रुपये किलो चावल खरीद रहे सबर परिवार

-शुद्ध पीने के पानी के लिए दूर-दराज में भटकना पड़ रहा है

GHATSHILA: धालभूमगढ़ प्रखंड अंतर्गत जुगीशोल पंचायत के सबर कुकड़ाखुफी सबर बस्ती में पेयजल के लिए सरकार की ओर से एक चापाकल दिया गया है। इससे लाल रंग का गंदा पानी निकल रहा है। साफ पानी के लिए इन्हें दूर-दराज में भटकना पड़ रहा है।

इन दिनों ख्0 रुपये किलो चावल खरीदकर अपने परिवार का पेट भर रहे हैं। सरकार की तरफ से पहले इन परिवारों को राशन कार्ड मिला था जिससे उन्हें अनाज सरकार की ओर से मिलता था और वो पेटभर भोजन कर पाते थे लेकिन जब से सरकार की ओर से नए राशन कार्ड बनाए गए तबसे इनको अनाज मिलना बंद हो गया है। इसका कारण यह है कि सबरों का अभी तक राशन कार्ड बना ही नहीं है। सर्वे में सबरों का नाम छूट गया है। फलस्वरूप पिछले आठ माह से सबर परिवार जंगल से लकड़ी एवं कुरकुट आदि लाते हैं और उसे बेचकर जो पैसा मिलता है उससे बाजार से चावल खरीदकर दो वक्त के भोजन का प्रबंध कर रहे हैं।

इंदिरा आवास भी जर्जर

जुगीशोल पंचायत में तीन सबर बस्ती हैं कुकड़ाखुफी, तिलाबनी और चतरो। तिलाबनी में क्भ् परिवार रहते हैं जिसमें क्0 परिवारों को अनाज नहीं मिल रहा है। चतरो में आठ परिवार रहते हैं और आठों परिवारों को अनाज नहीं मिलता है। वहीं कुकड़ाखुफी में सात परिवार रहते हैं और सातों परिवार को अनाज नहीं मिलता है। कमल सबर और चांद सबर कहते हैं कि पहले दो वक्त के भोजन की ¨चता नही होती थी पर अब स्थिति यह है कि आज खाने के बाद कल क्या खायेंगे यह ¨चता लगी रहती है। कुकड़ाखुफी के सबर जिस इंदिरा आवास में रहते हैं वह जर्जर हो गया है। जर्जर आवास कब गिर जाये यह भय हमेशा बना रहता है।