पहले चरण में लागू हुई 6 जेलों में यह योजना पूरी तरह कामयाब रही, इससे सेकेंड चरण में यह 12 जेलों में लागू की जा रही है। जिसमें एक गोरखपुर जेल है। जेल में पेशी कराने के लिए जेल एडमिनिस्ट्रेशन ने तैयारी भी शुरू कर दी है। हालांकि बजट अभी नहीं मिला है, मगर जेल एडमिनिस्ट्रेशन ने ब्राडबैैंड कनेक्शन लेने के साथ अन्य सेटअप तैयार करना शुरू कर दिया है। जेल सोर्सेज की माने तो जेल में पेशी जुलाई माह के अंत तक शुरू हो जाएगी।

जुलाई के अंत तक होगी पेशी

गोरखपुर जेल में जुलाई के अंत तक अपराधियों की पेशी वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये शुरू हो जाएगी। पहले चरण में कानपुर, वाराणसी, लखनऊ जेल में अपराधियों की पेशी कोर्ट के बजाए जेल में ही चल रही है। सेकेंड चरण में गोरखपुर जेल में यह लागू होगी। सीनियर जेल सुपरिटेंडेंट एसके शर्मा ने बताया कि गोरखपुर में इसे जल्द ही लागू किया जाएगा। शासन से इसका आदेश मिल चुका है। हालांकि अभी बजट नहीं मिला है, मगर ब्राडबैैंड के लिए अप्लाई कर दिया गया है। जल्द ही अन्य व्यवस्था और जरूरतें भी पूरी कर ली जाएगी। एनआईसी (नेशनल इंफार्मेशन साइंस) के तहत यह योजना शुरू की जा रही है। जेल में पूरी तैयारी करने के बाद एनआईसी की मंजूरी मिलते ही गोरखपुर जेल में पेशी शुरू हो जाएगी। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये एक बार में सिर्फ एक अपराधी को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा। इसके लिए एक अलग पेशी रूम भी बनाया जाएगा।

पेशी रूम में होगा यह

-एक टेबल

-छह चेयर

-एक कंप्यूटर

-कैमरा

-22 इंच का मानीटर

-माइक्रो कैमरा

-माइक्रोफोन

-एसी

-जनरेटर