कार्य परिषद की बैठक में कार्रवाई का आदेश जारी होने से पहले वायरल हुए ऑडियो रिकार्डिग से सनसनी

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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की कार्य परिषद ने कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू की अध्यक्षता में बुधवार को यौन उत्पीड़न के आरोपी एसोसिएट प्रोफेसर एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय अध्यापक संघ के पूर्व संयुक्त सचिव डॉ. सूर्यनारायण सिंह को निलंबित कर दिया है. इन पर हिन्दी विषय की ही अतिथि प्रवक्ता ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. कुछ समय पहले महिला ने डॉ. सूर्यनारायण के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवाया है.

पति शिक्षक संघ के पूर्व पदाधिकारी, पत्नी हैं उपाध्यक्ष

खास बात यह है कि कार्य परिषद की बैठक के बाद शाम को रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ला ने सूर्यनारायण के निलंबन का आदेश भी जारी कर दिया. जिसमें कहा गया है कि निलंबन अवधि के दौरान वह डीन फैकेल्टी ऑफ आर्ट ऑफिस से अटैच रहेंगे. बता दें कि डॉ. सूर्यनारायण सिंह की पत्नी लालसा यादव इविवि में हिन्दी विभाग में ही प्रोफेसर हैं. वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय अध्यापक संघ की उपाध्यक्ष भी हैं. पूर्व में उन्होंने प्रकरण सामने आने के बाद अपने पति पर लगे आरोपों को झूठा बताते हुए आटा उपाध्यक्षा पद से इस्तीफा दे दिया था. लेकिन अभी तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है.

ऑडियो में कई चौंकाने वाले राज

इस कार्रवाई से पहले एक नाटकीय घटनाक्रम में छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष रोहित मिश्रा ने इविवि कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू से जुड़े एक मोबाइल ऑडियो रिकार्डिग को जारी करके खलबली मचा दी. इस टेप में दो महिलाओं की बातचीत में एक महिला वही है. जिसके साथ पूर्व में कुलपति से कथित तौर पर अश्लील बातचीत का ऑडियो टेप और वाहट्सएप स्क्रीनशॉट वायरल होने पर बवाल हो चुका है. जबकि बातचीत में शामिल दूसरी महिला का हिन्दी विभाग की महिला प्रोफेसर होने का दावा किया जा रहा है. इसमें स्क्रीनशॉट वाली महिला कुलपति के साथ अपने संबंधों पर कई सारे चौकाने वाले राज खोल रही है. जबकि दूसरी महिला इस बात पर नाराजगी प्रकट कर रही हैं कि उन्होंने कुलपति के गलत कृत्यों में साथ नहीं दिया तो उन्हें प्रताडि़त किया जा रहा है. रोहित द्वारा जारी ऑडियो टेप में डॉ. सूर्यनारायण के खिलाफ चल रहे मामले पर दोनो महिलाएं अपनी नाराजगी प्रकट कर रही हैं. बता दें कि पूर्व में कुलपति प्रकरण पर गठित जांच कमेटी के अध्यक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अरुण टंडन ने अपनी जांच में कुलपति को बेदाग बताया था.