GORAKHPUR: दक्षिणांचल के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। सहजनवां-दोहरीघाट रेल परियोजना का अंतिम सर्वे पूरा होने के बाद इस परियोजना को कैबिनेट कमेटी ऑफ इकोनॉमी अफेयर (सीसीइए) की मंजूरी मिल गई है। साथ ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी अब जल्द शुरू की जा सकती है। रेलवे के जानकारों के मुताबिक, एनई रेलवे ने लाइन सर्वे की फाइनल रिपोर्ट भी बोर्ड को भेज दी है। हालांकि रेलवे प्रस्ताव पर रेल मंत्रालय ने मुहर लगाते हुए 2016 के रेज बजट में 746 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया था। इस लाइन के बन जाने से सीधे एक लाख लोगों को लाभ होगा। शहर के लोग तहसीलों में रेल से जा सकेंगे और तहसील के लोग रेल से सीधे शहर आ सकेंगे।

काम में आएगी तेजी

मुख्यमंत्री का गृह जनपद होने के नाते काम में तेजी आने की भी उम्मीद है। भाजपा की केंद्र में सत्ता के साथ ही अब उत्तर प्रदेश में भी भाजपा की ही सरकार है और वर्किग एरिया भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ही गृह जनपद का है। ऐसा कहा जा रहा है कि दिसम्बर से लाइन बिछाने का काम शुरू हो सकता है, वहीं इस परियोजना पर रेल प्रशासन का दावा है कि तीन साल में 70 किलोमीटर की लंबी लाइन बिछा ली जाएगी।

लाइफ लाइन बनेगी यह रेल लाइन

जिले के दक्षिणांचल के लोगों को ट्रेन पकड़ने के लिए 70 किमी तो कुछ लोगों को इससे भी अधिक की दूरी सड़क मार्ग के माध्यम से तय करनी पड़ती थी और यही वजह है कि लम्बे समय से सहजनवा-दोहरीघाट वाया बांसगांव रेल लाइन बनाने की मांग होती आई थी। वहीं, सहजनवा से दोहरीघाट रेल लाइन बन जाने से दक्षिणांचल से विकास की गति में भी तेजी आने कि उम्मीद है तो साथ ही लोगों के लिए अपने रोजी-रोटी के साधन भी मिलेंगे। यह रेल लाइन दक्षिणांचल के हर प्रमुख कस्बे बांसगांव, खजनी, गोला और बड़हलगंज से गुजरते हुए सरयू नदी पार कर दोहरीघाट पहुंचेगी।