44 प्रोजेक्ट्स को बिल्डर्स ने रेरा की साइट पर कराया रजिस्टर्ड

एडीए का दावा सभी प्रोजेक्ट रजिस्टर, साइट पर एक भी नहीं

ALLAHABAD: यूपी रेरा की साइट पर प्रोजेक्ट का रजिस्टर न होना मतलब प्रापर्टी में इंवेस्ट करना खतरे से खाली नहीं है। सोमवार को रजिस्ट्रेशन की लास्ट डेट थी और कुल 41 प्रोजेक्ट्स को बिल्डर इस पर रजिस्टर करा चुके थे। एडीए का दावा है कि उसके सभी प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हैं। अलग बात है कि रेरा की साइट पर एक भी प्रोजेक्ट शो नहीं हो रहा था। प्रापर्टी में इंवेस्ट करना है या सपनो का घर खरीदना है, आपके लिए भी जरूरी है कि साइट से पूरी डिटेल लें, इसके बाद ही सौदा फाइनल करें। रेरा में प्रोजेक्टर रजिस्टर होने का क्या होगा आपको फायदा? किन चीजों के लिए जिम्मेदार हो जाएंगे बिल्डर और प्रापर्टी डीलर और कौन-कौन से प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हैं इलाहाबाद के रेरा की साइट पर यह भी आप जान लें।

बिल्डर्स को अब ये करना होगा

बिल्डरों को खरीददार से लिया 70 फीसदी पैसा प्रोजेक्ट के खाते में ही रखना होगा

जमीन की कीमत भी 70 फीसदी हिस्से में शामिल होगी। बीमा अनिवार्य

बिना जरूरी अप्रूवल्स के प्रोजेक्ट लॉन्च नहीं होंगे

घर की बिक्री कार्पेट एरिया के आधार पर होगी

प्रोजेक्ट लेट होने पर बिल्डर देंगे हर्जाना

66 फीसदी ग्राहकों की मंजूरी के बिना प्रोजेक्ट में बदलाव नहीं होगा

बिल्डर दोषी हुआ तो प्रोजेक्ट का 10 फीसदी जुर्माना देना होगा

रेगुलेटर की बात न मानने पर बिल्डर जेल जा सकते हैं

प्रोजेक्ट पर 5 साल की गारंटी देनी होगी।

बायर्स को होगा ये फायदा

अब कॉलोनाइजर किसान से जमीन अपने नाम कराएगा फिर पब्लिक को बेच सकेगा

इससे बिचौलिए बिल्डर का होगा सफाया

रेरा कानून बिल्डर और प्रॉपर्टी एजेंट पर लागू होगा, रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रोजेक्ट इसके दायरे में आएंगे

ये रेग्युलेशन 500 वर्ग मीटर जमीन या 8 फ्लैट के अपार्टमेंट पर लागू होगा।

वादा पूरा न होने पर जिला कंज्यूमर फोरम में शिकायत की जा सकेगी।

सुपर एरिया और बिल्ट अप एरिया का दायरा बताना अनिवार्य

रजिस्टर प्रोजेक्ट

आनंदा पाल्म

गैलेक्सी हाईट्स

नवयुग ईडब्ल्यूएस-एलआईजी फेज-1

गैलेक्सी हनुमंत

वैदिक ग्रीन्स

पारसकुंज

विनायक एसएस साई दर्शन अपार्टमेंट

ाृष्टि इम्पीरियल हाईट्स

तुल्सियानी स्क्वायर फेज-2

शेरवानी लिजेसी

पारस ग्रीन्स

ओमेक्स आनंदा-हाईटेक टाउनशिप टॉवर डी

ओमेक्स आनंदा हाईटेक टाउनशिप टॉवर ए

ओमेक्स आनंदा हाईटेक टाउनशिप टॉवर बी

महावीर इनक्लेव

ओमेक्स आनंदा हाईटेक टाउनशिप टॉवर ई-

ओमेक्स आनंदा हाईटेक टाउनशिप टॉवर एफ

एहावीर एनक्लेव

विनायक लता कुंज

सॉलीटेयर वैली

श्री शैलम हाईट्स

नरायन हाईट्स

सोनल अपार्टमेंट

गैलेक्सी हनुमंत अपार्टमेंट

गैलेक्सी हाईट्स अपार्टमेंट

साई धाम पदम टॉवर

राधे कृष्ण एनक्लेव

साई धाम मदनमोहन द्वारिका एनक्लेव

ब्रिज हरी अपार्टमेंट

रजनिवास रेजीडेंसी

राजनिवास रेजीडेंसी

नरायन हाईट्स

सनशाइन रॉयल पैलेस

सनशाइन रॉयल रेजीडेंसी

सनशाइन कैस्टल-1

ब्रिज हरी अपार्टमेंट

सनशाइन रॉयल पैलेस

इम्पीरियल ग्रीन

तुल्सियानी स्क्वायर फेज-2

नवयुग टॉवर-12 ए-फेज 2

नवयुग टॉवर ईडब्ल्यूएस-एलआईजी फेज-1

बिल्डर भी यही चाहते हैं कि किसी के अधिकारों का हनन न हो। इसीलिए शुरुआत में आ रही परेशानी के बाद भी ज्यादातर बिल्डर अपने प्रोजेक्ट रेरा की वेबसाइट पर रजिस्टर कर चुके हैं। जिसके अनुसार लोग संतुष्ट हो सकते हैं कि उन्होंने जिस प्रोजेक्ट में पैसा लगाया है, वो सही है या नहीं।

-संजीव अग्रवाल

अध्यक्ष, क्रेडाई

प्राइवेट बिल्डर्स की तरह एडीए को भी अपने प्रोजेक्ट रेरा पर रजिस्टर करने हैं। जिसे रजिस्टर किया जा चुका है। कौन-कौन से प्रोजेक्ट शामिल हैं, इसकी जानकारी सहायक अभियंता ही दे सकेंगे। मुझे जानकारी नहीं है।

गुडाकेश शर्मा

अपर सचिव, एडीए