वादा तो था, अब पुरस्कार भी दे दीजिए

-रियो ओलंपिक में देश का का नाम रोशन करने वाले प्लेयर्स को अब तक फूटी कौड़ी भी नहीं

-सीएम ने खुद किया था कैश प्राइज का ऐलान, अब जिम्मेदार रो रहे बजट का रोना

LUCKNOW : अपने जोश और जुझारूपन के दम पर दुनिया में भारत का तिरंगा लहराने वाले प्लेयर्स को सम्मान बख्शने में अपने प्रदेश का रवैया बेहद गैर जिम्मेदाराना है.आलम यह कि दावा और ऐलान करने के बाद भी प्लेयर्स को उनका हक देने में प्रदेश के जिम्मेदार नाकाम साबित हो रहे हैं। गत रियो ओलंपिक में दुनिया भर में भारत का परचम लहराने वाली प्लेयर्स पीवी सिंधू, साक्षी मलिक और दीपा करमाकर के लिए कई राज्य सरकारों ने अपना खजाना खोल दिया। यूपी ने भी इन धुरंधर प्लेयर्स को सम्मानित करने के लिए बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन दे नहीं सके फूटी कौड़ी। आई नेक्स्ट ने जब इसकी पड़ताल की तो जिम्मेदार अब बजट न होने का रोना रो पल्ला झाड़ते दिख रहे हैं। यह तब है जब प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खुद इन प्लेयर्स को सम्मान स्वरूप राशि देने का ऐलान किया था।

सीएम ने की थी घोषणा

रियो ओलम्पिक में मेडल जीतने वाले और शानदार प्रदर्शन करने वाली प्लेयर्स को सम्मानित करने की घोषणा खुद मुख्यमंत्री ने की थी। मेडल लाने वालों के लिए एक-एक करोड़ रुपए दिए जाने की बात थी, शासनादेश भी जारी कर दिया गया। जिन खिलाडि़यों को इसमें शामिल किया गया था, उनमें पीवी सिंधू, साक्षी मलिक और दीपा करमाकर हैं। जबकि पैराओलंपिक में नोएडा के खिलाड़ी वरुण भाटी शामिल हैं। ऐसे में कुल चार करोड़ का कैश प्राइज दिया जाना था। खेल विभाग के अधिकारियों के अनुसार पुरस्कार की धनराशि हमारे पास नॉन प्लान में आती है। कई बार इसके लिए अमाउंट सरप्लस हो जाता है तो कई बार धनराशि कम पड़ जाती है। प्रदेश में इस बार खिलाडि़यों को अब तक इतनी प्राइजमनी बांटी जा चुकी है कि इन खिलाडि़यों के लिए रकम की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। लेकिन इसके लिए पुर्नविनियोग के माध्यम से धनराशि की व्यवस्था की जा रही है।

मिलनी थी अधिकारी की नौकरी

यही नहीं खेल में देश का नाम रोशन करने वाले खिलाडि़यों को पहली बार राजपत्रित अधिकारी बनाए जाने की घोषणा भी गई थी। इसमें भी चार खिलाडि़यों ने आवेदन किया है। इसमें इंटरनेशनल वेटलिफ्टिर स्वाति सिंह, इंटरनेशनल एथलीट सीमा पुनिया और इंटरनेशनल शूटर असब भी शामिल हैं। इन खिलाडि़यों ने बताया कि रियो ओलम्पिक के बाद सभी खिलाडि़यों ने राजपत्रित अधिकारी के लिए जो पद विभाग ने दिए थे, उसमें खिलाडि़यों ने अप्लाई किया था लेकिन अब तक कोई रेस्पांस नहीं आया है।

खिलाडि़यों के लिए जो भी घोषणाएं की गई थी, उन्हें पूरा किए जाने की तैयारियां चल रही हैं खिलाडि़यों को सम्मानित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा। खिलाडि़यों का शेड्यूल बिजी है, उनसे सम्पर्क किए जाने की कोशिश की जा रही है। रही बात धनराशि की उसकी व्यवस्था जल्द ही कर ली जाएगी।

डॉ। आरपी सिंह, निदेशक, खेल विभाग

मैंने तो हरियाणा छोड़ यूपी से खेलने की तैयारी कर ली। लेकिन यहां पर तो खिलाडि़यों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, उसे देखकर तो लग रहा है कि मुझे अपने कदम वापस लेने पड़ेंगे।

-सीमा पुनिया, इंटरनेशनल एथलीट

खिलाडि़यों को मिलने वाली धनराशि को लेकर इतना समय नहीं लगना चाहिए। शासन को जल्द से जल्द खिलाडि़यों का सम्मान कर अपनी जिम्मेदारी पूरी करनी चाहिए।

सुजीत कुमार, पूर्व ओलम्पियन, हॉकी

सरकारी प्रक्रिया में समय तो लगता है लेकिन इतनी देर नहीं होनी चाहिए कि खिलाड़ी उम्मीद ही छोड़ दे। रियो ओलम्पिक आयोजित हुए भी खास समय हो चुका है। इनके लिए तो शासन को अलग से बजट की व्यवस्था करनी चाहिए।

सैयद अली, पूर्व ओलम्पियन, हॉकी

पीवी सिंधू

बीएमडब्ल्यू कार (2 करोड़): हैदराबाद बैडमिंटन, एसोसिएशन

5 करोड़: तेलंगाना गवर्नमेंट

3 करोड़ : आंध्र प्रदेश सरकार

2 करोड़: दिल्ली गवर्नमेंट

75 लाख: भारत पेट्रोलियम

50 लाख: बैडमिंटन, एसोसिएशन

ऑफ इंडिया

50 लाख: मध्य प्रदेश सरकार

50 लाख : हरियाणा गवर्नमेंट

13 करोड़: कुल अनुमानित धनराशि

साक्षी मलिक

बीएमडब्ल्यू कार : हैदराबाद बैडमिंटन, एशोसिएशन

2.5 करोड़ : हरियाणा सरकार

1 करोड़: दिल्ली सरकार

60 लाख: रेल मंत्रालय

कुल: 6 करोड़ से अधिक