आगरा। वो वर्ष 2014 का समय था। लोकसभा चुनाव का प्रचार जोरों पर था। उत्तर प्रदेश के साथ ताजनगरी में भी कमल खिलाने की जिम्मेदारी नरेंद्र मोदी (मौजूदा प्रधानमंत्री) पर थी। तब उन्होंने कोठी मीना बाजार में चुनावी रैली के दौरान शहर के प्रमुख मुद्दों को अपने भाषण में शामिल किया। गंदी यमुना, शहर में जलसंकट पर बोलते हुए पूर्ववर्ती सरकारों पर हमला बोला। सरकार में आने पर समस्याओं के जल्द समाधान का आश्वासन दिया। केंद्र से लेकर प्रदेश तक में भाजपा सरकार की सरकार बनी। केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार तक के प्रतिनिधि कई बार शहर में आए। किसी ने यमुना में जलवाहन से दिल्ली से आगरा तक का सफर तय करने का दावा किया, तो कोई एयरपोर्ट के सपने दिखाता रहा। एक बार फिर अगले वर्ष लोकसभा चुनाव है। इसी की रणनीति पर मंथन के लिए भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आ रहे हैं। साथ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ तमाम बड़े चेहरे होंगे, लेकिन शहर की जनता को उनके द्वारा किए गए वादों के अब भी पूरा होने का इंतजार है।

नहीं चले यमुना में जहाज:

18 अगस्त 2016 को केन्द्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गड़करी ने यमुना में दो वर्ष में जहाज चलाने की बात कही थी। साथ ही यमुना की सफाई की बात भी कही थी, लेकिन जहाज चलाने की बात तो दूर रही, अभी तक यमुना की सफाई तक नहीं हो सकी है। आज भी यमुना सूखी पड़ी है। गंदे नाले यमुना में ही गिर रहे हैं। यमुना में तकरीबन 490 फुट पानी रहना चाहिए। यमुना की डिसिल्टिंग भी नहीं हुई।

फाइलों से बाहर नहीं निकल सका बैराज

यमुना के डाउनस्ट्रीम में प्रस्तावित बैराज सरकार की घोषणा के बाद फाइलों से बाहर नहीं निकल सका है। आपको बता दें कि बैराज परियोजना के लिए 706 करोड़ मंजूर किए गए थे। इसमें शासन ने उस दौरान 50 करोड़ सिंचाई विभाग को रिलीज भी कर दिए थे। शुरुआती डीपीआर में 475 मी। लम्बे बैराज में 22 गेट लगाने की बात कही गई थी। आपको बता दें कि बैराज परियोजना की शुरुआत 1991 में हुई थी। उस दौरान आंकलन लागत 1.34 करोड़ रुपये आंकी गई थी। 2001 में केन्द्र ने योजना को स्थगित कर दिया था। बाद में 2003 में बैराज योजना बहाल हो गई थी। टीटीजेड ने शुरु में 15 करोड़ रुपये मुहैया कराए थे.वर्ष 2013 में बैराज योजना को पुन:रीक्षत किया गया था। इस दौरान 8.30 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। अभी तक बैराज फाइलों में है।

कछुआ चाल से चल रहा सिविल टर्मिनल का निर्माण

धनौनी में सिविल टर्मिनल एन्क्लेव का निर्माण कछुआ चाल से हो रहा है। अभी तक जमीन का अधिग्रहण भी नहीं हो सका है। आपको बता दें कि 26 मार्च 2018 को आगरा के सांसद डॉ। रामशंकर कठेरिया ने बाउन्ड्रीबाल का उद्घाटन किया था। तो तीन महीने में इसके निर्माण कार्य को पूरा होने की बात कही थी, लेकिन अभी तीन महीने में काम पूरा होता नहीं दिख रहा है। बाउन्ड्रीबाल निर्माण के लिए 384.38 लाख का बजट शासन ने स्वीकृत किया था। शुरुआत में शासन ने 65 करोड़ का बजट रिलीज कर दिया था। आपको बता दें कि धनौली में पहले सिविल टर्मिनल एन्क्लेव को पहले 23.32 हेक्टेयर जमीन पर टर्मिनल का निर्माण किया जाना था। बाद में इसको कम करते हुए 19.83 हेक्टेयर जमीन पर टर्मिनल बनाने का फैसला हुआ। अभी इसमें 4500 वर्ग फुट जमीन को अधिग्रहीत किया जाना है।