पॉप स्टार माइकल जैक्सन के परिवार ने एईजी लाइव से भावनात्मक नुक़सान के एवज़ में 29 करोड़ डॉलर और साथ ही आर्थिक नुक़सान के एवज़ में अघोषित हर्जाने की माँग की थी. कंपनी ने इस राशि को बेतुका क़रार दिया था.

माइकल जैक्सन की साल 2009 में हुई मौत के मामले में उनके डॉक्टर कोनॉर्ड मरे को ग़ैर इरादतन हत्या के आरोप में चार साल की सज़ा हुई है.

50 वर्षीय जैक्सन की अधिक मात्रा में सर्जिकल एनेस्थेटिक लेने के कारण मौत हो गई थी.

वे अपने संगीत करियर में वापसी के लिए लंदन में कई कंसर्ट करने वाले थे.

अदालत के फ़ैसले के बाद एईजी लाइव के अधिवक्ता मार्विन एस पुटनैम ने कहा, ''अदालत ने एकदम सही फ़ैसला दिया है. हम इस फ़ैसले से बेहद ख़ुश हैं."

फ़ैसला

माइकल जैक्सन की मौत के लिए कंपनी 'ज़िम्मेदार नहीं'छह पुरुषों और छह महिलाओं की खंडपीठ ने कई सीधे सवाल पूछे.

इसके अदालत इस फ़ैसले पर पहुँची कि एईजी लाइव ने ही डॉक्टर मरे को नौकरी पर रखा था और वे अपना काम सही से करने के लिए अयोग्य या अक्षम नहीं थे.

जैक्सन के परिवार के दावे के कामयाब होने के लिए डॉ. मरे का अक्षम तय होना ज़रूरी था.

मुक़दमे की सुनवाई के दौरान परिवार ने दावा किया था कि कंपनी ने डॉ. मरे को नौकरी पर रखने से पहले उनके बारे में जाँच-पड़ताल नहीं की थी. जबकि कंपनी ने मरे को नौकरी से इनकार करते हुए कहा था कि जैक्सन ने ही उन्हें रखने पर ज़ोर दिया था.

मुक़दमे की सुनवाई के दौरान पचास से ज़्यादा लोगों ने गवाही दी जिसमें जैक्सन की माँ कैथरीन और उनका सबसे बड़ा बेटा प्रिंस भी शामिल था.

डॉ. कोनार्ड मरे जेल में दो साल पूरे करने के बाद इस माह के अंत तक रिहा हो सकते हैं.

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