घटना के बाद जांच के लिए मौके पर पहुंची पुलिस को वसीयत के पेपर्स मिले हैं। ये वसीयत शारदा देवी की मां ने उनके नाम की थी। काकादेव के इस मकान के अलावा सिटी के पॉश एरिया आर्यनगर में भी एक कोठी उनके नाम थी। हत्यारों तक पहुंचने के लिए फॉरेंसिक टीम ने वहां मिले ब्लड सैंपल, बाल और फुट प्रिंट्स  के  नमूने कलेक्ट कर लिए हैं। हत्यारो में एक ने नाइक ब्रांड के सात नंबर के जूते पहने थे जिसके फुट प्रिंट कमरे में मिले हैं।

सिर पर भारी चीज से चोट

शारदा देवी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सिर पर किसी भारी चीज से चोट करने से हत्या की पुष्टि हुई है। मामले में पुलिस के हाथ कोई अहम सुराग हाथ नहीं लगा है। भतीजे पुनीत ने सोमवार शाम आठ बजे सबसे पहले शारदा की डेडबॉडी देखी थी। पुनीत ने ही अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुनीत के मुताबिक, सोमवार दोपहर 2 बजे मौसी ने फोन पर बताया था कि खाना बनाने वाली सुमन ने काम छोड़ दिया है, जब रात का खाना लेकर घर पहुंचा तो कमरे में खून से लतपथ मौसी की लाश पड़ी हुई थी।

हर वक्त खुला रहता था gate

शारदा देवी घर में अपनी मां के साथ अकेली रहती थीं। ग्राउंड फ्लोर पर समर्पण मानव सेवा क्लीनिक है। क्लीनिक में दिनभर पेशेंट्स का आना-जाना लगा रहता है। इसके चलते मेनगेट हर वक्त खुला रहता है। माना जा रहा है कि हत्यारे मेन गेट से आए और हत्या करने के बाद खुन से सने कपड़े पहनकर ही चले गए। जिस गली में वारदात हुई वहां सन्नाटा रहता है। मकान बड़े होने से एक घर की आवाज दूसरे घर नहीं जाती। पड़ोसियों बताते हैं शारदा देवी काफी शांत स्वभाव की थीं। वो किसी से मतलब नहीं रखती थीं.