- शासन की ओर से मेरठ प्रशासन के प्रस्ताव को नहीं मिली मंजूरी

-निबंधन विभाग जल्द जारी करेगा सर्किल रेट्स की सूची

अखिल कुमार

आई एक्सक्लूसिव

मेरठ: पिछली सालों में बेतहाशा बढ़े सर्किल रेट्स का असर यह हुआ कि रजिस्ट्री विभाग एनुअल टारगेट का 50 फीसदी पूरा कर सका। सूबे की योगी सरकार ने फौरी राहत देकर बेतहाशा सर्किल रेट्स को थामने का काम किया, लेकिन कमी की संभावनाओं से इनकार कर दिया है। 1 अगस्त को जारी सर्किल रेट्स ही वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए प्रभावी होंगे। इन्हें कम नहीं किया जाएगा।

नहीं बढ़ाए थे रेट्स

जिला प्रशासन की सिफारिश के बाद निबंधन विभाग ने इस वर्ष सर्किल रेट्स को नहीं बढ़ाया था। 1 अगस्त को डीएम समीर वर्मा की ओर से जारी सर्किल रेट्स की लिस्ट को रिवाइज कर दिया था। मतलब वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए घोषित रेट्स को ही वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रभावी कर दिया गया। हालांकि वहीं कमिश्नर डॉ। प्रभात कुमार की ओर से मेरठ समेत मंडल के जनपदों में सर्किल रेट्स को कम करने के लिए एक प्रस्ताव भेजा गया था। निबंधन विभाग ने भी 10-15 प्रतिशत सर्किल रेट्स कम करने के सरकार को लिखा था। जिसे सरकार ने खारिज कर दिया है।

देहरादून में कम हुए थे रेट्स

सरकार को भेजे प्रस्ताव में निबंधन विभाग ने गुरुग्राम और देहरादून का उदाहरण देते हुए कहा कि तत्कालीन सरकार ने वित्तीय वर्ष 2016 के लिए यहां सर्किल रेट्स 50 फीसदी तक कम कर दिए थे। इसी तरह कर्नाटक मॉडल को भी विभाग ने सरकार के समक्ष रखा था, यहां भी सर्किल रेट्स को घटाकर रजिस्ट्री फीस में बढ़ोत्तरी की गई है।

पूरा नहीं हुआ टारगेट

वित्तीय वर्ष 2016-17 में निबंधन विभाग को स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन शुल्क की वसूली का 597.79 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया था। विभाग ने मार्च 2017 तक महज 331.57 करोड़ रुपये (55.57 प्रतिशत) की वसूली कर पाई। अभी तक टारगेट का महज 20 प्रतिशत ही विभाग पूरा कर सका है।

ये हैं कीमत

स्थान सर्किल रेट (प्रति वर्ग मीटर)

जीआईसी तिराहा 75 हजार रुपए

जीआईसी रोड 70 हजार रुपए

बच्चा पार्क-हापुड़ अड्डा 65 हजार रुपए

बाउंड्री रोड 60 हजार रुपए

पीएल शर्मा रोड 58 हजार रुपए

हापुड़ रोड 55 हजार रुपए

ईस्टन कचहरी रोड 55 हजार रुपए

एनएसए कॉलेज 54 हजार रुपए

सर्किल रेट्स कम करने की मांग

एडीएम फाइनेंस आनंद कुमार शुक्ला के निर्देशन में सर्किल रेट्स को रिवाइज करने का काम चल रहा था। हालांकि सर्किल रेट्स को कम करने के लिए जिला प्रशासन पर लगातार दबाव बना हुआ है। फिलहाल रेट्स कम करने के सरकार के फैसले के बाद निबंधन विभाग प्रस्तावित लिस्ट का प्रकाशन कराने जा रहा है।

सर्किल रेट्स में 25 से 50 प्रतिशत तक की कमी होनी चाहिए थी। आज जिस प्रॉपर्टी को हम 1 लाख के रेट्स में बेचने लिए तैयार हैं उसकी सर्किल रेट्स के हिसाब से 1.5 लाख है।

-अतुल गुप्ता, रियल एस्टेट कारोबारी

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बेतहाशा सर्किल रेट्स ने रियल एस्टेट को रसातल में ले जाकर छोड़ा है। देहरादून और गुरुग्राम की तर्ज पर मेरठ के सर्किल रेट्स भी कम करने चाहिए थे।

सुनील तनेजा, अंसल हाउसिंग

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सर्किल रेट्स में कमी न होने से प्रॉपर्टीज की खरीद-फरोख्त प्रभावित हो रही है। वहीं रजिस्ट्री विभाग की आय भी प्रभावित हो रही है।

अरुण शर्मा, एडवोकेट

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ऑफीशियल स्टैंड

सर्किल दरों को कम करने के लिए मेरठ की ओर से भेज गए प्रस्ताव को सरकार ने खारिज कर दिया है। हालांकि रेट्स न बढ़ाकर फौरी राहत देने काम किया गया है।

संजय श्रीवास्तव, एआईजी स्टाम्प एंड रजिस्ट्री