- पार्षदों ने टैक्स चोरी पर मिलीभगत का लगाया आरोप

- बजट को लेकर हुए सदन में जमकर हंगामा

आगरा। नगर निगम में बजट वर्ष 2016- 17 के आय-व्यय के ब्योरे पर पार्षदों से सदन की बैठक में मंगलवार को राय मांगी गई। इस पर पार्षदों ने सौ प्रतिशत संपत्तिकर जुटाने से लेकर टैक्स चोरी पर खुलकर चर्चा की। अपने-अपने सुझाव दिए। इस बीच भाजपा के एक पार्षद को विषय से बाहर जाकर बोलने पर मना किया गया, तो उन्होंने प्रस्ताव ही फाड़कर फेंक दिया। इस पर अन्य दलों के पार्षदों ने जमकर हंगामा किया।

टैक्स पुनर्निधारण का सुझाव

नगर निगम में कार्यकारिणी समिति से पारित आय-व्यय का ब्योरा सदन के सामने पेश किया गया। इस पर पार्षदों से सुझाव मांगे गए। पार्षदों ने सौ प्रतिशत संपत्तिकर वसूली पर जोर दिया। वहीं, अधिकांश पार्षदों ने होटल, हॉस्पिटल, नर्सिग होम सहित कॉमर्शियल स्थलों पर अनुमान से भी कम टैक्स वसूलने की शिकायत की। इसमें नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने सुझाव दिया कि होटल और क ॉमर्शियल स्थलों की नापजोख करके दोबारा संपत्तिकर (हाउस टैक्स) निर्धारित किया जाए। इससे नगर निगम की संपत्ति में कई गुना इजाफा होगा।

ऐसे हो रही टैक्स की चोरी

पार्षद राकेश जैन ने सूचना के अधिकार से मिली जानकारी पर एक नर्सिग होम का राज खोला। उन्होंने बताया कि दया कांप्लेक्स में एक नर्सिग होम संचालित हो रहा है। नगर निगम में उसकी वार्षिक आय 3200 रुपए दर्शायी गई है और टैक्स के रूप में मात्र 417 रुपए लिया जा रहा है। जबकि नर्सिग होम की वास्तविक आय 13 लाख रुपए से अधिक है और टैक्स भी 1.74 लाख रुपए से ज्यादा होता है। इसकी जानकारी नगर निगम के संपत्ति विभाग के अधिकारियों के पास है, फिर भी वे सालों से महज कुछ रुपया टैक्स के रूप में ले रहे हैं। ऐसे कॉमर्शियल स्थलों से टैक्स चोरी का खुलासा करके बजट में टैक्स को बढ़ाने की भी मांग की। कई पार्षदों ने समर्थन भी किया।

आधी भी वसूली नहीं

नगर निगम के खाली कोष पर पार्षदों ने चिंता जताई और उसके कारणों को भी गिनाया। पार्षद रवि माथुर ने राजस्व वसूली पर विभाग के लापरवाही को कारण बताया। उनका कहना था कि टैक्स वसूली को लेकर विभाग से लगातार नोटिस और रसीद जारी की जाती। साथ ही डोर-टू-डोर वसूली की जाती, तो लक्ष्य को पाया जा सकता था। लेकिन 35 करोड़ रुपया टैक्स के एवज में महज 22.38 करोड़ रुपया ही वसूला जा सका। जबकि नोटबंदी के चलते लोग स्वयं बकाया टैक्स जमा करने पहुंचे। पार्षदों ने टैक्स वसूली के लिए वैन चलाने की सलाह दी। इसी तरह से संपत्तिकर बढ़ाने को लेकर कई सुझाव मिले।

चरणवंदना पर हुई तरकार

भाजपा के पार्षद संदीप उपाध्याय के बोलवचन पर पार्षदों में ही जुबानी जंग हो गई। पार्षद उपाध्याय ने अपनी मांग को रखते हुए मंचासीन को चरणवंदन शब्द से उद्बोधन किया। इस पर सपा दल के पार्षदों ने आपत्ति दर्ज की। भाजपाइयों ने भी एतराज किया। पार्षद को चुप बैठना पड़ गया। इसके बाद दोबारा बोलने नहीं दिया गया, तो नाराज पार्षद ने प्रस्ताव की कॉपी को ही फाड़ दिया। इस पर सपा के पार्षदों ने जमकर हंगामा किया।

अनुमानित बजट छह अरब के पार

नगर निगम के आयुक्त और कार्यकारिणी ने बजट तैयार किया है। उसमें पिछले वर्ष के रूप में दो अरब 31 करोड़ 45 लाख 10 हजार रुपया मिलने की संभावना जताई है। वहीं आय के रूप में चार अरब 40 करोड़ 73 लाख 60 हजार रुपया जमा होने की संभावना व्यक्त की है। इस तरह से बजट 2016-17 होने वाला है छह अरब 72 करोड़ 18 लाख 70 हजार रुपया का। वहीं खर्चा चार अरब 89 करोड़ 43 लाख 35 हजार रुपए बताया गया है।

सदन में ही फैली है गंदगी

पार्षदों ने स्मार्ट सिटी बनाने को लेकर नगर निगम आयुक्त को निशाने में लिया। पार्षदों ने कहा कि नगर निगम गंदा है। सदन जर्जर हालत में है और डैश तक टूट चुके हैं। अधिकारी नगर निगम की सफाई व्यवस्था सुधार नहीं सके और शहर को स्मार्ट बनाने में लगे हुए हैं।