आगरा। शहर से 35 किलोमीटर दूर अछनेरा के तुरकिया में जमीन के लिए एक भाई ने अपने ही भाई के परिवार को एक-एक कर कुल्हाड़ी से काट मौत के घाट उतार दिया। एक-एक कर बेरहमी से उसी भाई-भाभी और उसके चार मासूम बच्चों को अपने साथी के साथ मिलकर कुल्हाड़ी से काट डाला। घर के अंदर वारदात को अंजाम दे यह हत्यारा अपने साथी और बहन के साथ भाग निकलने की भी कोशिश की, लेकिन बीच रास्ते में ही ये तीनों पुलिस के हत्थे चढ़ गए. 

भाई का भाई से दगा

तुरकिया में सत्यभान अपनी वाइफ पुष्पा और चार बच्चों के साथ रह रहा था। सत्यभान और उसके भाइयों के बीच चार बीघा जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। मंडे को सत्यभान का छोटा भाई गंभीर अपने दोस्त अभिषेक के साथ घर पहुंचा.उसने सत्यभान से जायदाद में अपना हिस्सा मांगा। सत्यभान ने गंभीर से कह दिया कि तुझे जेल से बाहर निकालने में करीब दो लाख खर्च हो गये हैं। मां की हत्या के आरोप में गंभीर के साथ सत्यभान भी नामजद था। दोनों ने अपनी मां को सरेआम गोली मार दी थी। इसी केस में सत्यभान ने गंभीर को बाद में छुड़ा लेने का लालच देकर उसे मुख्य आरोपी के तौर पर गुनाह कबूल करने को कहा था। जिस भाई के लिए उसने सारा गुनाह अपने सिर ले लिया था, उसके जायदाद देने से इंकार करने पर गंभीर अंदर ही अंदर कुढऩे लगा। दरअसल, उसे यह भी मालूम चुका था कि जिस जमीन को बेचकर उसे जेल से बाहर लाने की बात सत्यभान ने कही, वह जमीन बेची ही नहीं गई। उसके हिस्से की जमीन सत्यभान ने अपनी पत्नी के नाम कर दी थी।

रची खूनी साजिश

 सत्यभान से उसे इस कदर नफरत हो गई कि उसने भाई के पूरे परिवार को ही खत्म करने का मन बना लिया। मंडे को उसने भाई के साथ चरस के सुट्टे लगाए। सत्यभान को चरस की इतनी डोज दी कि वह पूरी तरह से नशे में हो जाए। रात को ही उसने पूरे परिवार के साथ सीडी मंगाकर पूरी रात फिल्म देखने का भी प्लान बना डाला। ताकि वह जिस प्लानिंग के साथ तुरकिया पहुंचा था, उसे अंजाम तक पहुंचा सके। सब कुछ प्लानिंग के तहत उसने किया। मूवी देखने के बाद सब सो गए। सत्यभान भी नशे और नींद की खुमारी में टुन्न हो गया। गंभीर और उसके साथी अभिषेक ने मौका पाकर कुल्हाड़ी से सत्यभान, भाभी पुष्पा, छह साल की भतीजी आरती, चार साल के भतीजे कन्हैया, तीन साल की मछिला और डेढ़ साल की गुडिय़ा को बेरहमी से काट डाला। उस समय घर में सत्यभान की बहन गायत्री भी मौजूद थी। गायत्री 15 दिन पहले ही अपने पति से झगड़कर सत्यभान के यहां आई थी। गंभीर ने उसे दोपहर के करीब ढाई बजे गुटखा लेने के लिए भेज दिया था.  उसके जाते ही गंभीर ने यह वारदात अंजाम दी थी। जब वह लौटी तो गंभीर के हाथ में खून से सनी कुल्हाड़ी थी।

गायत्री की कहानी

 गायत्री के मुताबिक हत्यारों ने गायत्री को भी जान से मारने की धमकी दी। उसकी गोद से उसके बच्चे को लेकर गंभीर ने उसे भी मार डालने की धमकी दी। वो डर गई और उन दोनों के साथ शहर से बाहर जाने का प्लान बना लिया। किसी तरह मौका देख गायत्री ने अपने पति को सत्यभान के परिवार को मारने की जानकारी दी। गायत्री के पति ने सत्यभान के पड्रोस में रहने वालों को इसकी जानकारी दी। लोगों की जानकारी पर पुलिस मौके पर पहुंची। छह लोगों के मारे जाने की खबर से पुलिस के अधिकारियों के भी होश उड़ गए। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर डीएम, डीआईजी, एसएसपी, एसपी सहित पुलिस फोर्स तुरकिया पहुंच गया। पुलिस ने आरोपियों की तलाश में जुट गई। तीनों हत्यारोपियों को ईदगाह बस स्टैंड से पकड़ लिया.  

प्री-प्लान्ड नरसंहार

छह लोगों को मौत के घाट उतारने में शामिल अभिषेक बिहार का रहने वाला है। वह दिल्ली में काम करता है। गंभीर जिस तरह से उसे सत्यभान के घर लेकर पहुंचा और कुछ ही घंटे में भाई के पूरे परिवार का कत्ल किया, उससे यह साफ जाहिर है कि यह सब प्री-प्लान्ड था। इसके लिए भाई के घर आते वक्त उसने छह सौ रुपए में कुल्हाड़ी भी खरीदी थी। गंभीर की अभिषेक से मुलाकात भी उसके जेल में रहने के दौरान हुई थी। इससे इस बात से यह शक भी मजबूत होता है कि गंभीर ने सत्यभान से अपना हिस्सा लेने के लिए किसी भी हद तक जाने का इरादा तय कर चुका था। इसी मकसद से वह अभिषेक के साथ सत्यभान के घर पहुंचा था। पुलिस अब इस अभिषेक का भी क्राइम रिकॉर्ड तलाश रही है। उसका किस तरह के क्राइम में इन्वॉल्वमेंट रहा है।

बाप ने की थीं दो शादियां

तुरकिया के रहने वाले सेना से रिटायर्ड हवलदार शिवसिंह ने दो शादी की थी। पहली पत्नी सफेदी देवी जल्दी ही चल बसी। उससे एक लड़का धर्मवीर था। इसके बाद शिवसिंह ने दूसरी शादी की। दूसरी पत्नी आशा से सत्यभान, गंभीर, कान्हा, रेखा और गायत्री पांच बच्चे हुए। शिवसिंह भी कुछ साल बाद संदिग्ध हालात में मर गया। हालांकि इलाके के लोगों का कहना है कि आशा ने ही उसे जहर देकर मारा था। उसकी किसी व्यक्ति से नजदीकी बढ़ गई थी। पहली पत्नी के बेटा धर्मवीर अपने परिवार के साथ भरतपुर के चिकसना में रह रहा है। मुन्नी देवी दो बेटियों की शादी हो चुकी है। सत्यभान अपने परिवार के साथ गांव में ही रह रहा है। गंभीर और कान्हा बाहर रहते हैं।

मां की भी ली थी जान

   तुरकिया में आशा अपने बच्चों के साथ अकेली रह रही थी। अपने प्रेमी मागरौल के बलवंत के प्यार में अंधी आशा चार बीघा खेत को उसके नाम करने तहसील जा रही थी। यह बात सत्यभान और गंभीर को नागवार गुजरी। वे दोनों तहसील पहुंचने से पहले ही मां को ठिकाने लगाने का प्लान बनाकर किरावली चौराहे पर पहुंच गए। सत्यभान और गंभीर ने तहसील के सामने ही सरेआम आशा को गोली से भून दिया था। मां की हत्या के मामले में सत्यभान और गंभीर अरेस्ट हुए। पुलिस ने हत्या में गंभीर को मुख्य आरोपी बनाया। सत्यभान ने हाल ही में हुई शादी और भाई के रिश्ते का वास्ता देते हुए गंभीर को सारा इल्जाम अपने सिर लेने की मिन्नतें की थीं। बदले में उसे जेल से निकालने का भरोसा भी दिलाया था। सत्यभान क ो तो कुछ माह बाद जमानत मिल गई। वहीं सत्यभान ने भी गंभीर को जेल से बाहर निकालने में काफी रकम खर्च कर दी। सत्यभान ने गंभीर को यह भी बताया कि उसके हिस्से की जमीन उसने यह रकम जुटाने के लिए बेच दी है।

गांव में थी कई चर्चाएं

एक ही परिवार के सामूहिक जघन्य हत्याकाण्ड क ो लेकर गांव के लोग में तरह-तरह की बातें हो रही है। गांव के ही राकेश पहलवान का कहना है। गंभीर शुरू से ही उपद्रवी था। ट्यूबवेल से मोटर और घरों से सामान चोरी करता रहता था।