डीएम को ज्ञापन
खटकाना के गेट को खुलवाने के लिए पहले पब्लिक की ओर से जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा जाएगा। ये ज्ञापन रक्षामंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम होगा। ताकि उन्हें पूरी स्थिति के बारे में बताया जा सके। ज्ञापन डीएम को गुरुवार को सौंपा जाएगा।
नेताओं के घरों पर धरना
गेटों को खुलवाने के लिए पब्लिक ने एक और तरकीब सोची है। इस आंदोलन में नेताओं को शामिल करना। फिर चाहे वो किसी भी पार्टी को बिलांग करता हो। हरेक नेता के घर के सामने रोजाना धरना प्रर्दशन किया जाएगा। उसे मुद्दे में शामिल करने के अलावा साथ में चलने के लिए भी कहा जाएगा। ताकि आगामी चुनावों में इस बात का अंदाजा लग सके कि किसे वोट करना है और किसे नहीं।
सुनाई जाएगी आवाज
योजना की रूपरेखा में साफ रखा गया है कि अपनी आवाज को दिल्ली तक पहुंचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए प्रॉपर साधनों के साथ रक्षा मंत्रालय और रक्षा मंत्री के घर के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा। ये प्रर्दशन तब तक होगा जब तक वो पब्लिक की बात न सुने।
लोगों को जोड़ा जाएगा
एक महत्वपूर्ण बात ये है कि इस आंदोलन को तब तक सामूहिक आंदोलन का रूप नहीं दिया जा सकता, जब तक इसमें सभी गेटों के लोगों को नहीं जोड़ा जाएगा। इस बीच कैंट इलाके और आर्मी द्वारा लगाए गए बाउंड्री में लगे गेटों से परेशान हो रहे आसपास के लोगों को इस आंदोलन में जोड़ा जाएगा। ताकि इस आंदोलन में लोगों की संख्या बढ़ाने के अलावा आर्मी ऑफिशियल को भी पब्लिक की एकता का अहसास कराया जा सके।
'आप' की राह पर 'मेरठी पब्लिक'
जिस तरह से आर्मी के गेटों के खिलाफ मेरठ कैंट की पब्लिक खड़ी हो गई है और आंदोलन की तैयारी कर रही है उससे साफ पता लग रहा है कि वो आप की तर्ज पर चल रही है। जिस तरह से आप के नेताओं ने दिल्ली में कांग्रेस सरकार के मंत्रियों और नेताओं के खिलाफ उनके घरों के बाहर प्रर्दशन किया था। वैसे ही ये लोग भी योजना बना रहे हैं। मोहल्लों में जाकर इस मुद्दे पर आम पब्लिक को जोडऩे जैसी गतिविधि करने की योजना है। जो 'आप' से मिलती जुलती है।
गेट पर आमसभा का आयोजन
बुधवार को सद्भावना फाउंडेशन में आम सभा का आयोजन हुआ। इसमें आर्मी ऑफिशियल द्वारा सुरक्षा के नाम पर गेट बंद करने और उससे क्षेत्रवासियों को होने वाली दिक्कतों की चर्चा की गई। आयोजन में आर्मी की ओर से लगाए झूठे आरोपों को भी शामिल किया गया। इस मीटिंग में कैंट बोर्ड के वार्ड मेंबर जगमोहन शाकाल, लोकेश खुराना, कसेरूखेड़ा व्यापार संघ के अध्यक्ष आलोक महेश्वरी आदि कई लोग मौजूद थे।
आर्मी क्या कहती है?
- आर्मी ऑफिशियल के अनुसार उनके पास एमआई की रिपोर्ट में फिदाईन हमले का खतरा।
- तोपखाना आरए बाजार में बांग्लादेशी होने की सूचना। रिपोर्ट के अनुसार 5500 से अधिक बांग्लादेशी हैं।
- आर्मी द्वारा दीवार और गेट लगाने का दूसरा मकसद गोला बारूद को सुरक्षा देना है। आर्मी का पूरा गोला बारूद यहीं है।
- सिविल द्वारा आर्मी के एरिया में गंदगी फैलाना।
- सिविलियन की आर्मी एरिया में आवाजाही बढऩे से कैंट की सुरक्षा को खतरा होना।
"पब्लिक के सिर के ऊपर से काफी पानी गुजर चुका है। अब इस मुद्दे को सामूहिक आंदोलन बनाने पर काम शुरू हो चुका है। अब इसे दिल्ली तक पहुंचाया जाएगा."
- सोमपाल प्रजापति, अध्यक्ष, सद्भावना फाउंडेशन
"कोई भी आंदोलन करना चाहता है वो करे। हमारा एक ही इश्यू है वो है सिक्योरिटी है। अपने बातें रखने का हर किसी को अधिकार है."
- ले। आरके शर्मा, एडम कमांडेंट