-सी सैट खत्म करने की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्रों ने किया प्रदर्शन

-पीसीएस प्री परीक्षा के सेंटर आवंटन को लेकर भी जताया आक्रोश

ALLAHABAD: यूपीएससी की आईएएस प्री परीक्षा को सी सैट की जगह पुराने पैटर्न पर कराने की मांग को लेकर सैटरडे को छात्रों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की ओर से निकाले गए मार्च के दौरान छात्रों ने जमकर नारेबाजी की। समिति ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष से भी अनुरोध किया कि वह तीन अगस्त को प्रस्तावित पीसीए ख्0क्ब् की प्रारम्भिक परीक्षा को तब तक के लिए स्थगित कर दें जब तक सी सैट का विवाद खत्म ना हो जाए।

पांच सौ किलोमीटर दूर परीक्षा देना होगा मुश्किल

लोक सेवा आयोग इलाहाबाद द्वारा बनाए गए परीक्षा केन्द्रों को लेकर समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पाण्डेय ने कहा कि इस बार की परीक्षा में लगभग चार लाख स्टूडेंट्स शामिल हो रहे हैं। ऐसे में पांच सौ किलोमीटर दूर स्थित परीक्षा केन्द्र पर पहुंचना छात्रों के लिए बेहद मुश्किल होगा। अवनीश पाण्डेय ने कहा कि आयोग द्वारा बनाए गए परीक्षा केन्द्रों को लेकर छात्रों में गहरा असंतोष है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि लोक सेवा आयोग में व्यापक स्तर पर मौजूद भ्रष्टाचार के विरोध में जो छात्र प्रदर्शन व सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। उन्हें जानबूझकर आगरा, इटावा, मैनपुरी जैसे जिलों में बनाएं गए केन्द्र को आवंटित किया जा रहा है। जिससे उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़े। समिति के मेंबर्स ने कहा कि छात्रों व आयोग के बीच जो स्थिति बनी हुई है, उसके जिम्मेदार आयोग के अध्यक्ष हैं। उन्होंने आयोग के अध्यक्ष को चेतावनी देते हुए कहा कि तीन अगस्त को प्रस्तावित परीक्षा को नहीं टाला गया तो छात्र प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे।

सीसैट के विरोध में हुआ बुद्धि शुद्धि यज्ञ

सीसैट के विरोध में सैटरडे को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ भवन के बाहर प्रतियोगी छात्रों व समाजवादी छात्र सभा के मेंबर्स ने बुद्धि शुद्धि यज्ञ का आयोजन किया। छात्रों ने सीसैट प्रणाली को हटाने व हिन्दी सहित अन्य भारतीय भाषाओं के साथ हो रहे भेदभाव को रोकने के लिए प्रधानमंत्री व केन्द्र सरकार को सदबुद्धि देने के लिए भगवान से प्रार्थना की। इस दौरान छात्र सभा के प्रदेश सचिव राघवेन्द्र यादव ने कहा कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी हमेशा से सिविल सर्विसेज की फैक्ट्री मानी जाती रही है। आज के समय में हालात चिंताजनक हैं। इसके पीछे सी सैट की भ्रामक व जटिल अनुवाद व अंग्रेजी अनिवार्यता है। जिसमें अधिकतम छात्र प्रारम्भिक परीक्षा से बाहर हो जाते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस प्रकरण में सीधे तौर पर हस्तक्षेप करने की मांग की। सी सैट के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में छात्रों ने मानव श्रृंखला बनाकर भी अपना विरोध दर्ज कराया।