-पीएचडी के लिए यूजीसी के 2009 के परिनियम का हो रहा विरोध

-बिहार के यूनिवर्सिटी में यूजीसी 2009 के परिनियम के अनुसार एक भी नहीं हैं पीएचडी पास आउट

PATNA: असिस्टेंट प्रोफेसरों की वैकेंसी निकले अभी चौबीस घंटे भी नहीं हुए कि नियुक्ति परिनियम का विरोध स्टार्ट हो गया है। संडे को बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन की ओर से फ्फ्म्ब् असिस्टेंट प्रोफेसरों के लिए वैकेंसी का विज्ञापन बेवसाइट व न्यूज पेपरों में जारी हो चुका है। बिहार के दस यूनिवर्सिटी में विभिन्न सब्जेक्ट्स के लिए वैकेंसी के यूजीसी ख्009 परिनियम का विरोध कैंडिडेट्स कर रहे हैं। मेधावी व्याख्याता अभ्यर्थी संघ ने मीटिंग कर सरकार के इस फैसले का विरोध करने का निर्णय लिया है। संघ के अध्यक्ष अंजनी कुमार अंजान ने बताया कि वैकेंसी यूजीसी ख्009 के परिनियम के अनुकूल निकाला गया है, जबकि स्टेट में यह लागू ही नहीं हुआ है। ऐसे में बिहार के बाहर के स्टूडेंट्स को इसका लाभ मिलेगा। साथ ही रिसर्च पेपर एवं एवं बुक पब्लिकेशन पर कोई अंक नहीं दिया गया है। मीटिंग में स्टूडेंट्स को इस फैसले के खिलाफ एकजुट करने का निर्णय लिया गया है। मीटिंग में संघ के उपाध्यक्ष डॉ राण उदय प्रसाद सिंह, डॉ अमलेश कुमार सिंह, महासचिव डॉ सत्यनारायण शर्मा व ट्रेजरर मनोज कुमार मुख्य रूप से उपस्थित थे।

यूजीसी ख्009 के परिनियम के विरोध में प्रदर्शन

बिहार प्रदेश व्याख्याता संघ ने असिस्टेंट प्रोफेसरों की वैकेंसी में यूजीसी ख्009 के परिनियम के खिलाफ पटना यूनिवर्सिटी के सामने विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद संघ की मीटिंग पटना लॉ कॉलेज के कैंपस में हुई। मीटिंग की अध्यक्षता डॉ मिथिलेश चंद्र मुकुल ने की। मीटिंग में डॉ विमल, डॉ राम लखन, डॉ आलोक कुशवाहा मुख्य रूप से उपस्थित थे।

विरोध के पक्ष में तर्क

-वैकेंसी में यूजीसी गाइडलाइन ख्009 को मुख्य आधार माना गया है, जबकि स्टेट के किसी भी यूनिवर्सिटी में इस नियम के आधार पर एक भी स्टूडेंट्स को पीएचडी डिग्री एवार्ड नहीं हो पाया है।

-वैकेंसी में यूजीसी गाइडलाइन ख्009 के पूर्व पीएचडी डिग्री धारी कैंडिडेट्स के लिए कोई इंस्ट्रकशन नहीं दिया गया है।

-पूर्व में स्टेट गवर्नमेंट की ओर से बिहार यूनिवर्सिटी कमीशन के माध्यम से दो बार हुई नियुक्तियों में एकेडमिक एवं इंटरव्यू का अनुपात ब्0:म्0 रखा गया है। वहीं इसके बार 8भ्:क्भ् रखा गया है।

-असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति में सेट या स्लेट एक्जॉम पास कैंडिडेट्स को लेने से पीजी स्टूडेंट्स को भी मौका मिलता। ऐसा नहीं होने से पीजी स्टूडेंट्स के लिए कोई संभावना नहीं रह जाती है।

वैकेंसी परिनियम में बीपीएससी करे सुधार

-बीपीएससी पीएचडी डिग्रीधारियों के लिए यूजीसी गाइडलाइन ख्009 को समाप्त किया जाय।

-पूर्व की भांति एकेडमिक एवं इंटरव्यू का अनुपात ब्0:म्0 किया जाय

-सेट या स्लेट एक्जॉम वैकेंसी से पूर्व लिया जाय

-नेट एवं पीएचडी न्यूनतम आहर्ता है इसलिए दोनों के अंक का समान अंक माना जाय