- 40 दिन के अनशन के बाद दून अस्पताल लाये गये थे स्वामी आत्मबोधानन्द

- डीएम के आदेश के बाद ए6स ऋषिकेश में कराया गया शि3ट

DEHRADUN: गंगा में खनन रोकने की मातृ सदन हरिद्वार की मांग पुरानी नहीं है। इस मांग को लेकर मातृ सदन के एक संत स्वामी निगमानन्द कुर्बानी दे चुके हैं और अब एक और संत आत्मबोधानन्द उसी राह पर चल पड़े हैं। अनशन से उठाकर दून अस्पताल लाये गये स्वामी आत्मबोधानन्द को शनिवार को डीएम के आदेश के बाद एम्स ऋषिकेश शिफ्ट कर दिया गया है।

40 दिन से थे अनशन पर

गंगा में खनन कार्य पर रोक की मांग को लेकर मातृ सदन हरिद्वार के स्वामी आत्मबोधानन्द लगातार 40 दिन से अनशन पर थे। गुरुवार को पुलिस ने उन्हें अनशन स्थल से उठा दिया था और दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दून अस्पताल से उन्हें अब एम्स भेज दिया गया है।

अस्पताल में भी नहीं लिया अन्न

लगातार अनशन के कारण स्वामी आत्मबोधानन्द की हालत काफी खराब है। वे कुछ बोलने तक की स्थिति में नहीं हैं। अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद भी उन्होंने अन्न ग्रहण नहीं किया। डॉक्टरों के अनुसार यहां उन्हें नली के द्वारा भोजन दिया गया। सैटरडे दोपहर पुलिस की मौजूदगी में उन्हें एंबुलेंस से ऋषिकेश ले जाया गया।

समर्थन में पहुंचे दो युवक

मात़ सदन का मामला होने के कारण स्वाबी आत्मबोधानन्द को शिफ्ट करने के दौरान विरोध की संभावना को देखते हुए उन्हें शिफ्ट करवाने के दौरान पुलिस को बुलाया गया था। शहर कोतवाल पुलिस बल के साथ अस्पताल में मौजूद थे। लेकिन इस दौरान मातृ सदन से जुड़े केवल दो युवक ही अस्पताल में नजर आये। ये युवक तब तक साथ रहे, जब तक एंबुलेंस स्वामी आत्मबोधानन्द को लेकर चली नहीं गई।

स्वामी निगमानन्द दे चुके कुर्बानी

गंगा में खनन रोकने की मांग की लेकर स्वामी निगमानन्द पहले ही कुर्बानी दे चुके हैं। लंबे अनशन के बाद उन्हें जौलीग्रांट हिमालयन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि उनकी मौत को लेकर कई सवाल भी उठाये गये थे, लेकिन बाद में उनकी मौत का मामला लोग भूल गये।

महंत शिवानन्द कई बार कर चुके अनशन

अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर हरिद्वार का मातृ सदन लगातार संघर्ष करता रहा है। मातृ सदन के महंत स्वामी शिवानन्द भी इस मसले में कई बार अनशन कर चुके हैं। वे कई बार जल त्याग तक कर चुके हैं। हर बार सरकारें उनका अनशन तो तुड़वा देती हैं, लेकिन गंगा में खनन फिर भी बंद नहीं होता।