- इको गार्डन में राज्य कर्मचारी, शिक्षक, अधिकरियों ने किया प्रदर्शन

- शासन से हुई वार्ता विफल, आंदोलन का शंखनाद

- एक लाख से अधिक संख्या में जुटे प्रदर्शनकारी

150 राज्य व केंद्रीय कर्मचारियों के संगठन हुए शामिल

36 शिक्षकों के संगठनों के बैनर तले जुटे लोग

01 लाख से ज्यादा जुटे प्रदर्शनकारी

25 अक्टूबर से हड़ताल का ऐलान

LUCKNOW:

पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग पूरी न होने पर आंदोलनरत कर्मचारियों ने हड़ताल कर अपना हक लेने का ऐलान कर दिया है। सोमवार को राजधानी के इको गार्डन में कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी, पुरानी पेंशन बहाली मंच द्वारा महारैली आयोजित की गयी। प्रदर्शनकारियों ने विधानभवन के समक्ष भी प्रदर्शन किया। राज्य व केंद्रीय कर्मचारियों के 150 और शिक्षकों के 36 संगठनों के बैनर तले जुटे एक लाख से ज्यादा लोगों को देख जहां राजधानी के पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए, वहीं रैली खत्म होने से पहले ही इसकी धमक शासन तक पहुंच गई। आनन-फानन में डिप्टी सीएम की मौजूदगी में कर्मचारी नेताओं से बातचीत शुरू की गयी पर इसका कोई नतीजा नहीं निकला।

25 से हड़ताल का ऐलान

कर्मचारी नेताओं को मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय व वित्त, कार्मिक और गृह के अफसरों की मौजूदगी में उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राजधानी वापस आने पर निर्णय कराने का आश्वासन दिया लेकिन, सहमति न बनने पर नेताओं ने 25 से 27 अक्टूबर की हड़ताल की घोषणा कर दी। इस बीच कुछ न होने पर 27 को अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा करने की चेतावनी भी दी। मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी व अध्यक्ष डॉ.दिनेश चंद शर्मा ने दिल्ली तक पहुंच कर केंद्र सरकार की कुर्सी हिलाने की चेतावनी दी। करीब 2.50 करोड़ राज्य कर्मचारी व 32 लाख केंद्रीय कर्मचारियों से नई पेंशन योजना के नाम पर लिए गए लगभग दस हजार करोड़ रुपये का सरकारों के पास कोई लेखा-जोखा न होने का हवाला देते हुए कहा कि अब सभी राज्यों में ऐसा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। कर्मचारी नेताओं ने आंदोलन के लिए सरकार के बड़े अधिकारियों को दोषी ठहराया। कहा कि सीएजी रिपोर्ट के बाद सरकार पर विश्वास करना कर्मचारी हित में नहीं है।

निशाने पर रही सरकार

कर्मचारी नेताओं ने रैली में 2.30 लाख कर्मचारियों व शिक्षकों के शामिल होने का दावा किया। इसमें राज्यकर्मियों व शिक्षकों के साथ केंद्र सरकार के रेलवे सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे। उनकी भारी मौजूदगी के बीच सरकार के साथ सांसद व विधायक भी निशाने पर रहे। वक्ताओं ने कहा कि कुछ समय के लिए ही रहने वाले सांसदों-विधायकों को एक नहीं कई पेंशन मिलती हैं, जबकि जीवन भर सेवा देने वाले कर्मचारियों की एकमात्र पेंशन से भी सरकार खिलवाड़ कर रही है।