- 108 एवं केकेएस के फील्ड कर्मचारी अनिश्चितकालीन अवकाश पर

- प्रबंधन भी इस बार निर्णायक मूड में, एस्मा के तहत होगी निलंबन की कार्रवाई

- मैनेजमेंट ने कर्मचारियों का बैकअप किया तैयार, यूपी व हिमाचल से बुलाए कर्मचारी

देहरादून, बुधवार सुबह 8 बजे से राज्यभर में जीवीके ईएमआरआई 108 एंबुलेंस व खुशियों की सवारी (केकेएसस) के पहिए जाम हो सकते हैं। 15 दिन पहले दिए गए अल्टीमेटम के तहत 108 एवं फील्ड कर्मचारी संगठन के बैनर तले कर्मचारियों ने अनिश्चिकालीन अवकाश पर जाने का अपना निर्णय बरकरार रखा है। बताया जा रहा है कि 700 से अधिक कर्मचारी अवकाश पर जा सकते हैं। इससे राज्य की लाइफ लाइन कहे जाने वाली 108 एंबुलेंस सेवा पर सीधा असर पड़ने के साथ हर रोज जरूरतमंद लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। हालांकि प्रबंधन का कहना है कि सेवा किसी प्रकार से बाधित न हो, इसके लिए बैकअप तैयार कर लिया गया है।

15 दिन पहले दिया था अल्टीमेटम

आपातकालीन सेवा 108 एवं केकेएस फील्ड कर्मचारी संगठन के मुताबिक जीवीके ईएमआरआई प्रबंधन को 15 दिन पहले ही अनिश्चितकालीन अवकाश पर जाने का अल्टीमेटम दे दिया था। इसके बावजूद प्रबंधन ने कर्मचारियों से आपस में वार्ता करने तक की जहमत नहीं उठाई। अब वह दिन नजदीक आ गया है, जब कर्मचारियों को मजबूर होकर अनिश्चितकालीन अवकाश पर जाना पड़ रहा है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष नीरज शर्मा ने कहा कि कर्मचारी संगठन अपने निर्णय पर अडिग है, चाहे इसके लिए उन्हें अपने सेवाएं तक भी समाप्त क्यों न करनी पड़े। कोषाध्यक्ष शीशपाल कठैत का कहना है कि उन्हें कई महीनों से सैलरी तक नहीं मिल पाई। अब अक्टूबर व नवंबर माह की सैलरी मिली है, लेकिन दिसंबर का वेतन अब तक नहीं मिल पाया। प्रदेश अध्यक्ष नीरज शर्मा का कहना है कि 10-10 सालों से कर्मचारियों के बिलों का भुगतान तक नहीं हो पाया है।

ैनेजमेंट के तेवर कड़े

जीवीके ईएमआरआई 108 एंबुलेंस सेवा के स्टेट हैड मनीष टिंकू का कहना है कि कर्मचारी पूरी तरीके से ब्लैकमेलिंग कर रहे हैं। हेड ऑफिस से मिले दिशा-निर्देशों के क्रम में ऐसे कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें बर्खास्तगी के अलावा एस्मा के तहत कानूनी कार्रवाई भी शामिल होगी। मनीष टिंकू ने बताया कि दोनों सेवाएं बाधित न हो, इसके लिए हिमाचल व उत्तर प्रदेश से कर्मचारियेां को बुला लिया गया है। इन दोनों राज्यों में जीवीके ईएमआरआई ही सेवाएं दे रही हैं। इसके अलावा पहले से ही कुछ कर्मचारियों को ट्रेंड कर बैकअप के तौर पर फील्ड में उतारा जाएगा। बताया कि नई नियुक्तियों के लिए विज्ञप्तियां जारी कर दी गई हैं। तत्काल इंटरव्यू के साथ नए कर्मचारियों को ज्वाइंनिंग लेटर भी सुपुर्द कर दिए जाएंगे। इधर, हड़ताल में जाने वालों में 108 एंबुलेंस के पायलट, ईएमटी व केकेएस के कैप्टन शामिल बताए गए हैं

नाराजगी के कारण

-नहीं मिल पाए हैं 10-10 सालों के बिल।

-गाडि़यां खराब होने पर अपनी जेब से भरते हैं पैसे।

-अल्टीमेटम के बावजूद प्रबंधन वार्ता के लिए नहीं हुआ तैयार।

-श्रम कानून के मुताबिक नहीं दी जा रही कंपनी द्वारा सैलरी।

-कर्मचारियों का 10 सालों में केवल एक लाख पीएफ हुआ जमा।

-प्रबंधन की तरफ से समय पर नहीं दी जाती है सैलरी।