- कर्मचारियों ने प्रबंध निदेशक पर वार्ता के दौरान अभद्रता का लगाया आरोप

- ऊर्जा निगमों में भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच कराने की मांग

DEHRADUN: उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा यूपीसीएल प्रबंध निदेशक के खिलाफ मुखर हो गया है। कर्मचारियों ने प्रबंध निदेशक पर वार्ता के दौरान अभद्रता के साथ धमकी भरे अंदाज में बात करने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि प्रबंध निदेशक का रवैया कार्मिकों का टकराव सीधे शासन से कराने का है। मोर्चे ने सरकार से ऊर्जा के निगमों में व्याप्त भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच कराने और तीनों निगमों का एक ही अध्यक्ष या प्रबंध निदेशक नियुक्त करने की मांग की है।

शासन को भेजे जा चुके प्रस्ताव

मोर्चे की सैटरडे को उत्तरांचल पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन के माजरा स्थित कार्यालय में बैठक हुई। इस दौरान पदाधिकारियों ने कहा कि विगत कई महीने से जब भी प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा से वार्ता की गई तो उनके बात करने का लहजा कतई बर्दाश्त करने के काबिल नहीं रहा। वह सिर्फ एक ही बात कहते हैं कि शासन को प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं, वहीं बात करें। जबकि, प्रबंध निदेशक की ओर से हमेशा विलंब से शासन को प्रस्ताव भेजा जाता है। उनकी मंशा ये है कि कार्मिकों का टकराव शासन से हो। इस संबंध में सचिव ऊर्जा राधिका झा को पत्र प्रेषित भी किया है। इसमें मांग की गई है कि वह प्रबंध निदेशक को संगठनों के प्रतिनिधि मंडल से शिष्ट व्यवहार करने के निर्देश जारी करें। इस दौरान एपी अमोली, केएस नेगी, नत्थू सिंह रवि, केहर सिंह, इंसारुल हक, जेसी पंत, राकेश शर्मा, प्रदीप कंसल, आशीष सती, विजय गुसाई, मनोज पंत, विनोद कवि आदि मौजूद रहे।