- कई सालों से नौकरी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं गुरिल्ला

- परेड ग्राउंड में 170 दिनों से चल रहा है गुरिल्लाओं का धरना

DEHRADUN: पिछले कई सालों से नौकरी के लिए आंदोलन कर रहे गुरिल्ला एक बार फिर से बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। देहरादून के परेड ग्राउंड में गुरिल्लाओं का धरना पिछले 170 दिनों से चल रहा है। आने वाले दिनों में वे फिर से बड़ा आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं।

कौन हैं गुरिल्ला

चीनी आक्रमण के बाद देश के सीमान्त क्षेत्रों के युवकों को गुरिल्ला प्रशिक्षण दिया गया था। यह सिलसिला 2002 तक चलता रहा। इन युवकों को भरोसा दिया गया था कि सेना में भर्ती में उन्हें वरीयता दी जाएगी और जो सेना में भर्ती नहीं हो पायेगा, उसे दूसरी नौकरियां दी जाएंगी। 2002 में गुरिल्ला प्रशिक्षण बंद कर दिया गया और प्रशिक्षण प्राप्त इन युवकों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया।

क्या हैं मांगें

गुरिल्लाओं को सरकारी नौकरियों में एडजस्ट करने का जीओ जारी किया जा चुका है, लेकिन इस पर अभी तक अमल नहीं हुआ है। उधर सिक्किम और मणिपुर जैसे राज्यों में गुरिल्ला प्रशिक्षण प्राप्त सभी लोगों को सरकारी नौकरियां दे दी गई हैं। उत्तराखंड के 2400 हजार गुरिल्ला भी इन दोनों राज्यों की तरह नौकरी की मांग कर रहे हैं।

249वें दिन भी जारी रहा धरना

इधर, कचहरी स्थित शहीद स्मारक में राज्य निर्माण सेनानी मंच का धरना संडे को 249वें दिन भी जारी रहा। आंदोलनकारियों ने पहले 190 दिन तक लगातार धरना दिया और बीती 1 जनवरी से क्रमिक अनशन कर रहे हैं। राज्य आंदोलनकारी अपने चिन्हीकरण के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा हाल में ही 21 लोगों का राज्य आंदोलकारी के रूप में चिन्हीकरण किये जाने से आंदोलन कर रहे लोग नाराज हैं। उनका कहना है कि 3000 से ज्यादा लोगों के कागजात जिला प्रशासन के जमा हैं, इनमें से सिर्फ 21 लोगों का चिन्हीकरण करना गलत है।