- राजकीय शिक्षक संघ ने अपनी 18 सूत्रीय मांगों को लेकर की तालाबंदी

- शिक्षकों की निदेशक आरके कुंवर के साथ हुई नोक-झोंक

DEHRADUN: शिक्षा विभाग की चेतावनी के बावजूद राजकीय शिक्षक संघ ने अपनी 18 सूत्रीय मांगों को लेकर मंगलवार को शिक्षा निदेशालय समेत प्रदेशभर में सीईओ कार्यालयों पर तालाबंदी की। निदेशालय में ताला खुलवाने के मुद्दे पर शिक्षकों की निदेशक आरके कुंवर के साथ तीखी नोक-झोंक भी हुई। बागेश्वर और पिथौरागढ़ में तालाबंदी करने वाले शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जारी हुए हैं।

जबरन तुड़वाया ताला

मंगलवार को ननूरखेड़ा स्थित शिक्षा निदेशालय पर शिक्षकों ने सुबह ही ताला जड़ दिया। अधिकारियों को शिक्षकों ने गेट पर ही रोक दिया। निदेशक आरके कुंवर अफसरों और पुलिस फोर्स के साथ निदेशालय पहुंचे। उन्होंने शिक्षकों को समझाने का प्रयास भी किया। निदेशालय में ताला खुलवाने के मुद्दे पर शिक्षकों की निदेशक आरके कुंवर के साथ तीखी नोक-झोंक हुई। उन्होंने कहा कि लंबे समय से शिक्षक बस इंतजार ही कर रहे हैं। उनकी मांगों पर कार्रवाई के नाम पर अब तक कुछ नहीं हुआ। संयुक्त निदेशक बीएस नेगी की तीखी टिप्पणी पर महामंत्री डा। सोहन सिंह माजिला ने आपा खो दिया और अपनी कमीज फाड़कर जमीन पर लेट गए। निदेशक आरके कुंवर ने लिखित आश्वासन देते हुए शिक्षकों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद शिक्षा निदेशक ने हंगामें के बीच ही ताला तोड़ने के निर्देश दिए।

शिक्षा मंत्री के तेवर तल्ख

राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष केके डिमरी ने 18 सूत्रीय पर मांगों विधानसभा में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे से मुलाकात की। इस दौरान शिक्षा मंत्री के तेवर बेहद तल्ख दिखे। उन्होंने कहा कि जब 18 जुलाई की बैठक में तमाम मांगों पर सहमति बन चुकी थी तो आंदोलन पर जाने का क्या औचित्य था। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक का स्थान स्कूल में है न की धरनास्थल पर।