-हड़ताल के नोटिस पर एसीएस की अध्यक्षता में चला मंथन

-एसीएस राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ढूंढेगी समाधान

-31 जनवरी व 4 फरवरी को अवकाश में रहने वाले कर्मियों की सचिवालय में प्रवेश पर रोक

देहरादून, अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति द्वारा दिये गये हड़ताल के नोटिस को लेकर सचिवों व विभागाध्यक्षों की बैठक हुई। एसीएस ओम प्रकाश ने कर्मचारियों की समस्याओं को एकरूपता से समाधान करने के लिए सचिवालय में अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में गठित कमेटी को कर्मचारियों की समस्याओं का निरंतर अनुश्रवण व समाधान करने के निर्देश दिये।

गठित होगी ग्रीवांस कमेटी

एसीएस का कहना था कि जो समस्या का समाधान विभाग के स्तर से न हो, उसे शासन स्तरीय कमेटी के संज्ञान में लाया जाए। समिति द्वारा दिये गये हड़ताल के नोटिस की तिथियों में जो अधिकारी कार्य करना चाहते हैं, उन्हें पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाये। तय हुआ कि 31 जनवरी व 4 फरवरी को अवकाश में रहने वाले कर्मियों को सचिवालय में प्रवेश न दिया जाये। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों से कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए ग्रीवांस कमेटी गठित करने के निर्देश दिये। इसके अलावा हर तीन माह में कर्मचारियों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए नियमित बैठक करने के निर्देश दिये।

ये निर्णय लिये गये

-सभी डीएम को उक्त अवधि में लॉ-एन-ऑड्रर बनाये रखने के निर्देश दिये गये।

-देहरादून के डीएम एसए मुरुगेशन को सचिवालय में एक एसडीएम व पुलिस उपाधीक्षक की तैनाती के निर्देश

-हड़तालियों में सख्त नजर रखने के लिए शहर के हर इलाकों में सीसीसीटी कैमरे मुस्तैद रहेंगे।

-वीडियोग्राफी के जरिए रखी जाएगी पैनी नजर।

हड़ताल प्रतिबंधित

बैठक में अपर मुख्य सचिव कार्मिक एवं सतर्कता राधा रतूड़ी ने कहा कि कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली हड़ताल राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली के अन्तर्गत प्रतिबन्धित है। इस संबंध में स्पष्ट किया है कि विभाग के पत्र दिनांक 13 दिसम्बर 2018 द्वारा हाईकोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञानित जनहित याचिका के निर्णय का पालन सुनिश्चित किया जाए। कर्मचारी संगठनों द्वारा अपनी मांगों के संबंध में अक्सर हड़ताल, कार्य बहिष्कार किए जाते हैं, जिससे जहां एक ओर जनसामान्य को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, वहीं शासन द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में लेट होती है। स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली हड़ताल राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत प्रतिबंधित है।

ड़ताल वापसी की अपील

सीएस ने कहा कि समन्वय समिति द्वारा दिये गये नोटिस उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना की श्रेणी में आता है। उन्होंने कर्मियों से अपील की कि वे जनहित में हड़ताल के फैसले को वापस लें। कहा, सरकार द्वारा कर्मचारियों के हित में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं। राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत किसी भी शासकीय कार्मिक द्वारा आकस्मिक अवकाश लिये जाने के लिए भी स्पष्ट कारण का उल्लेख करना होता है। अस्वस्थता की दशा में सीएमओ के प्रमाण पत्र पर ही कार्मिक द्वारा उपचार के लिए अवकाश के हकदार हैं।

अवकाश लेना हड़ताल माना जाएगा

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति के पत्र दिनांक 23 जनवरी 2019 द्वारा 31 जनवरी 2019 व 4 फरवरी 2019 प्रस्तावित आंदोलन कार्यक्रम के तहत किसी भी प्रकार का अवकाश स्वीकृत न करते हुए इस संबंध में अवकाश नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। निर्देश दिए कि इन प्रस्तावित आंदोलन कार्यक्रम के लिए जिस कार्मिक द्वारा अवकाश लिया जायेगा, आन्दोलन कार्यक्रम में प्रतिभाग करना माना जायेगा।