-पीएफ के रिकवरी ऑफिसर और कोटेक महिंद्रा के बैंक मैनेजर पर धोखाधड़ी का आरोप

-स्पेशल लैंड एक्यूजिशन ऑफिसर ने कोतवाली में दर्ज कराई एफआईआर

<-पीएफ के रिकवरी ऑफिसर और कोटेक महिंद्रा के बैंक मैनेजर पर धोखाधड़ी का आरोप

-स्पेशल लैंड एक्यूजिशन ऑफिसर ने कोतवाली में दर्ज कराई एफआईआर

BAREILLY: BAREILLY: बैंक और पोस्ट ऑफिस में रुपयों के गड़बड़ तरीके से लेनदेन के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अब बरेली के स्पेशल लैंड एक्यूजिशन ऑफिसर <बैंक और पोस्ट ऑफिस में रुपयों के गड़बड़ तरीके से लेनदेन के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अब बरेली के स्पेशल लैंड एक्यूजिशन ऑफिसर ((एसएलओ<एसएलओ) ) के अकाउंट से बिना अनुमति 1,32,63,276 रुपए निकाल लेने का मामला सामने आया है। पीएफ डिपार्टमेंट <के अकाउंट से बिना अनुमति क्,फ्ख्,म्फ्,ख्7म् रुपए निकाल लेने का मामला सामने आया है। पीएफ डिपार्टमेंट ((कर्मचारी भविष्य निधि संगठन बरेली <कर्मचारी भविष्य निधि संगठन बरेली ) ) के रिकवरी ऑफिसर जुगेंद्र सिंह ने कोटेक महिंद्रा के मैनेजर हरमीत सिंह के जरिए रुपए ट्रांसफर कर पीएफ कमिश्नर के नाम डिमांड ड्राफ्ट बनाया गया है। एसएलओ<के रिकवरी ऑफिसर जुगेंद्र सिंह ने कोटेक महिंद्रा के मैनेजर हरमीत सिंह के जरिए रुपए ट्रांसफर कर पीएफ कमिश्नर के नाम डिमांड ड्राफ्ट बनाया गया है। एसएलओ//एसीएम सुल्तान अशरफ सिद्दीकी ने सैटरडे जुगेंद्र सिंह व गुरमीत ि1संह के खिलाफ कोतवाली में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई है।

ख्ख् फरवरी को निकाली गई रकम

एसएलओ के मुताबिक सिविल लाइंस स्थित कोटेक महिंद्रा बैंक में एसएलओ का अकाउंट है। इस अकाउंट में एनएचएआई ने रबर फैक्ट्री की जमीन हाइवे में इस्तेमाल होने पर जमीन के मुआवजे की रकम क् करोड़ फ्ख् लाख रुपए जमा की थी। यह अकाउंट एसएलओ ही ऑपरेट करते हैं। आरोप है कि ख्ख् फरवरी को उनके अकाउंट से बैंक मैनेजर गुरमीत सिंह और पीएफ डिपार्टमेंट के रिकवरी ऑफिसर जुगेंद्र ने आपसी मिलीभगत से गलत तरीके से सारी रकम निकाल ली। जब इसका पता चला तो सामने आया कि रिकवरी ऑफिसर के लेटर पर रकम निकाली गई है।

मुआवजे की रकम है जमा

प्रशासन के मुताबिक रबड़ फैक्ट्री की जमीन मालिकों को सशर्त दी गई थी, जिसके तहत कुछ रकम जमा कराई गई थी, जिसके तहत जब तक फैक्ट्री चलेगी तब तक जमीन का मालिकाना हक फैक्ट्री का रहेगा और जब फैक्ट्री बंद हो जाएगी तो जमीन सरकारी हो जाएगी और जमा की गई रकम लौटा दी जाएगी। यह रकम बहुत कम है। जब रबड़ फैक्ट्री की जमीन हाइवे में ली गई तो उसके मुआवजे की रकम फैक्ट्री के नाम एसएलओ के अकाउंट में दी गई। फैक्ट्री के मालिकानों ने इस रकम को लेना चाहा तो उन्हें प्रशासन ने फैक्ट्री चलाने के दौरान जमा राशि लेने के लिए कहा, लेकिन फैक्ट्री मालिकों ने रकम नहीं ली। इसका केस मुंबई हाईकोर्ट में चल रहा है।

पेंशन के रुपयों का मामला

फैक्ट्री बंद होने के बाद कई कर्मचारियों ने फैक्ट्री के मालिकों से पेंशन की रकम मांगी तो फैक्ट्री मालिकों न पीएफ डिपार्टमेंट में लिख दिया कि एसएलओ के अकाउंट में उनका क् करोड़ फ्ख् लाख रुपए जमा है। वहीं से रकम ले ली जाए। जिसके बाद रिकवरी ऑफिसर से बैंक मैनेजर को चिट्ठी लिखकर रकम ट्रांसफर करा ली। जबकि इस रकम को बिना एसएलओ की अनुमति के नही निकाला जा सकता था। इसी के चलते एसएलओ ने दोनों अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कराई है।