इसरो के श्रीहरिकोटा रेंज से उपग्रह को प्रक्षेपित किया गया और पूरी प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के पूरी हुई। जीसैट-12 में 12 सी-ट्रांसपांडर्स हैं जो टेलीमेडिसिन और टेलीफोन सेवाओं के लिए इस्तेमाल किए जा सकेंगे। जीसैट-12 संचार सेटेलाइट का वज़न 1410 किलोग्राम है।

आम तौर पर पीएसएलवी का इस्तेमाल रिमोट सेंसिंग उपग्रहों को लांच करने में किया जाता था जो क़रीब एक हज़ार किलोमीटर की ऊँचाई पर स्थापित किया जाता है। यह पहली बार है जब पीएसएलवी के ज़रिए किसी उपग्रह को जियोस्टेशनरी ट्रांसफर ऑरबिट में स्थापित किया जा रहा है।

कहने का अर्थ ये है कि आम तौर पर जियोस्टेशनलरी ऑरबिट के लिए पहली बार इतने छोटे यान का उपयोग हो रहा है जिसके लिए मिशन में कई फेर बदल किए गए हैं।

इससे पहले इसी साल पीएसएलवी का एक और सफल प्रक्षेपण किया जा चुका है जिसमें छोटे बड़े पांच उपग्रह अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किए गए थे।

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