- 64 हजार को होना था शामिल

- 84 सेंटर्स बनाए गए

- 2 पाली में हुआ एग्जाम

- पिछली बार के मुकाबले इस बार आसान रहा टीईटी का पेपर

- साइकोलॉजी, पर्यावरण और मैथ्स के पेपर ने किया कैंडीडेट्स को परेशान

LUCKNOW : यूपी शिक्षक पात्रता परीक्षा टीईटी में रविवार को पेपर हल करने में कैंडीडेट्स को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पहली पाली में प्राइमरी की परीक्षा थी, जिसमें आधे से ज्यादा कैंडीडेट्स को साइकोलॉजी के सवालों ने परेशान किया। वहीं दूसरी पाली की परीक्षा में जीके और हिंदी के प्रश्नों को हल करने में कैंडीडेट़्स को मुश्किल हुई। पिछली बार के मुकाबले इस बार का पेपर काफी मुश्किल आया था। परीक्षा दो पालियों में हुई। इसके लिए 84 सेंटर्स बनाए गए थे, जहां पर 64 हजार कैंडीडेट्स को एग्जाम देना था।

पेपर देने आए कैंडीडेट्स का कहना था कि साइकोलॉजी के सवाल एससीईआरटी पर बेस्ड नहीं थे। जिन कैंडीडेट्स को बीएड किए हुए कुछ समय बीत गया है। उनके लिए यह पार्ट आसान नहीं था। वहीं ओवर ऑल पेपर को कैंडीडेट्स ने आसान बताया। पहली पाली में मैथ्स और चाइल्ड साइकोलॉजी कैंडीडेट्स को काफी मुश्किल हुई।

दूसरी पाली में सभी विषयों के पेपर ने किया परेशान

प्राइमरी की परीक्षा में कैंडीडेट प्रियंका ने बताया कि भाषा के सवाल तो ठीक थे, लेकिन इनवॉयरमेंट साइंस और साइकोलॉजी से जुड़े सवाल काफी मुश्किल लगे। वहीं राज कुमार ने बताया कि मनोविज्ञान के काफी प्रश्न सिद्धांतों के आधार पर पूछे गए थे। जिन्हें हल करना काफी मुश्किल रहा। शिवम ने बताया कि मैथ्स तो दसवीं के सिलेबस पर आधारित थी, लेकिन सवालों को काफी घुमा कर पूछा गया था। जिन्हें हल करने में बहुत देर लग रही थी। ऐसे में दूसरे सवाल छूट गए। वहीं दूसरी पाली की परीक्षा में रोहित सिंह ने बताया कि संविधान के सेक्शन से जुड़े सवाल इस बार पूछे गए जिन्हें हल करने में काफी दिक्कत आई। वहीं हिंदी के सेक्शन में सवाल काफी टफ पूछे गए। इसके अलावा जीके का सेक्शन भी इस बार काफी मुश्किल था।

मैथ्स के सवालों पर कैंडीडेट्स ने उठाए सवाल

क्वींस एग्लो इंटर कॉलेज से एग्जाम देकर निकले कैंडीडेट्स अभिषेक यादव ने बताया कि सेट बी में सवाल नंबर 109 में दिया गया ऑप्शन गलत लगा। कैंडीडेट ने बताया कि इन सवाल को कई बार हल करने पर चारों ऑप्शन में दिया गया एक भी ऑप्शन नहीं मिल रहा था। इस सवाल का सही जवाब 1286 होना चाहिए जबकि पेपर में 1236 दिया हुआ था। वहीं एग्जाम देकर निकले कैंडीडैट्स का कहना है कि ओवर ऑल पेपर काफी आसान था, लेकिन कई सवाल काफी लेंदी थे, जिन्हें हल करने में काफी समय लग रहा था।