RANCHI : राज्य सरकार ने ऊर्जा उत्पादक इकाई पतरातू थर्मल पावर स्टेशन (पीटीपीएस) को नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) को सौंपने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री आवास में शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया है। नई कंपनी पीटीपीएस का विस्तार करते हुए ब्000 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगी।

दो चरणों में पांच इकाइयों की होगी स्थापना

एनटीपीसी इस बाबत यहां दो चरणों में 800 मेगावाट की पांच इकाइयां स्थापित करेगी। ज्वाइंट वेंचर कंपनी 'पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड' के तहत प्रस्तावित इस विस्तार परियोजना में 7ब् फीसदी शेयर एनटीपीसी तथा ख्म् फीसदी शेयर झारखंड सरकार का होगा। शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई। अपर मुख्य सचिव एनएन पांडेय ने बताया कि झारखंड सरकार, झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड, झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड, झारखंड ऊर्जा वितरण निगम लिमिटेड तथा एनटीपीसी के बीच इस आशय के प्रस्ताव पर रविवार को होटल रेडिशन ब्लू में एमओयू प्रस्तावित है।

क्म् हजार करोड़ रुपए होंगे खर्च

कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए प्रधान सचिव, ऊर्जा एसकेजी रहाटे ने बताया कि वर्तमान में पीटीपीएस से महज क्क्0 मेगावाट बिजली पैदा होती है। क्99म् के बाद से इसकी उत्पादन क्षमता में एक फीसदी की भी बढ़ोतरी नहीं हुई है। ज्वाइंट वेंचर कंपनी द्वारा प्रथम चरण में प्रस्तावित ख्ब्00 मेगावाट बिजली के उत्पादन पर लगभग क्म् हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। विस्तार के बाद पीटीपीएस की मौजूदा इकाई से क्00 फीसदी तथा विस्तारित इकाई से 8भ् फीसदी बिजली झारखंड को मिलेगी। प्रथम चरण की तीन इकाइयों को स्थापित करने की समय-सीमा ख्0ख्0 तक निर्धारित की गई है तथा दूसरे चरण की परियोजना को ख्0ख्ब् तक धरातल पर उतारने का लक्ष्य रखा गया है। रहाटे ने कहा कि पीटीपीएस के जीर्णोद्धार पर अबतक ब्ख्7 करोड़ तथा झारखंड बनने के बाद इसके संचालन पर ख्,800 करोड़ खर्च हो चुके हैं।