-रजिस्ट्री ऑफिस बंद होने से लौट गई पब्लिक

-नही बिके स्टाम्प, आय, जाति और निवास प्रमाण के लिए भटके लोग

<-रजिस्ट्री ऑफिस बंद होने से लौट गई पब्लिक

-नही बिके स्टाम्प, आय, जाति और निवास प्रमाण के लिए भटके लोग

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: वकील और पुलिस के बीच हुए बवाल में बेचारी पब्लिक को पिसना पड़ रहा है। कामकाज ठप हो जाने से सैकड़ों की संख्या में लोग कलेक्ट्रेट और सदर तहसील से निराश लौट गए। प्रशासन को भी करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ। बुधवार को हुए बवाल के चलते जिला मुख्यालय स्थित सरकारी कार्यालयों में तनाव की स्थिति साफ नजर आई। कई जगह कर्मचारी अपनी कुर्सियों से नदारद रहे।

नहीं हुई रजिस्ट्री, भटकते रहे लोग

बुधवार को वकील की मौत के बाद पुलिस और वकीलों के बीच जबरदस्त घमासान हुआ था। इसके बाद वकीलों ने गुरुवार को हड़ताल की घोषणा कर दी। इसके चलते जिला मुख्यालय स्थित दोनों रजिस्ट्री ऑफिसों मे ताला लटका रहा। जहां रोजाना दो से ढाई सौ मकान और जमीन की रजिस्ट्री होती थी वहां दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। कुछ लोग रजिस्ट्री कराने पहुंचे जरूर लेकिन उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ा। नैनी के दीवान सिंह, धूमनगंज से किशोरी और अशोक नगर से पहुंचे फौजी लाल ने बताया कि बुधवार को बवाल के चलते वह नहीं आए थे, गुरुवार को भी काम नहीं हो पाया।

हर दिन बिकते हैं करोड़ों के स्टाम्प

कामकाज ठप होने की वजह से गवर्नमेंट को भी करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। बता दें कि स्टाम्प की अधिकतर बिक्री जिला मुख्यालय स्थित कोषागार कार्यालय से होती है। जानकारी के मुताबिक मंगलवार को बैंक, एनएसडीएल मिलाकर एक करोड़ रुपए के स्टाम्प बिके थे। रजिस्ट्री का काम ठप हो जाने की वजह से पिछले दो दिनों में यह बिक्री काफी कम हो गई है। जगराम चौराहे स्थित एजेंसी के ऑफिस में भी दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। जहां लाखों के स्टाम्प बिकते थे वहां इक्का-दुक्का लोग ही पहुंचे।

बिन प्रमाणपत्र रुक जाएंगे जरूरी काम

सदर तहसील में भी गुरुवार को ताला लटका रहा। सभी कमरे खाली रहे। कर्मचारियों ने बताया कि तहसील से प्रतिदिन पांच सौ से अधिक आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र बनाकर बांटे जाते हैं। दो दिन से यह काम ठप है। लोगों को वापस लौटना पड़ा। नए आवेदन भी नहीं हो सके। खासतौर से नौकरी के लिए आवेदन और एडमिशन कराने वालों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऑफिसों में ताला लगा होने से अमीनों की वसूली भी प्रभावित रही। इससे प्रशासन को प्रतिदिन तीस से चालीस लाख रुपए का नुकसान हो रहा है।

नहीं आए पेंशनर्स, बढ़ेगा वर्कलोड

जिला कोषागार कार्यालय में वैसे तो पेंशनर्स और क्लेम लेने वालों का तांता लगा रहता है। लेकिन, गुरुवार को भीड़ नदारद रही। ऑफिस पहुंचे इक्का-दुक्का पेंशनर्स ने बताया कि यहां आने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। पुलिस बैरीकेडिंग के भीतर आने से रोक रही थी। काफी कहने-सुनने के बाद जिला मुख्यालय परिसर में एंट्री दी गई है। यहां आए तो कर्मचारी मौके पर मौजूद नहीं थे। कई घंटों बाद हमारा काम हो सका है। अधिकारियों की मानें तो दो दिन काम प्रभावित होने के बाद आने वाले दिनों में अचानक लोगों की भीड़ बढ़ने की संभावना है।

कलेक्ट्रेट परिसर में पसरा रहा सन्नाटा

डीएम कार्यालय सहित कलेक्ट्रेट परिसर में भी सन्नाटा रहा। चारों ओर से पुलिस द्वारा नाकाबंदी किए जाने के चलते पब्लिक को यहां तक पहुंचने मे मुश्किल हुई। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग में मंगलवार तक वकीलों और व्यापारियों की जबरदस्त भीड़ फूड लाइसेंस बनवाने आ रही थी। गुरुवार को यहां भी खामोशी छाई हुई थी। असलहा विभाग में इक्का-दुक्का लोग ही पहुंचे। नोटरी की दुकानों पर ताला लटका हुआ था। पूरे कैंपस में पुलिस और वकीलों के अलावा कोई नजर नहीं आ रहा था।

-स्टाम्प की बिक्री नहीं होने को हम आर्थिक नुकसान नहीं कहेंगे। आज नहीं तो कल लोग इन्हें खरीदेंगे। इतना जरूर है कि दो दिनों में राजस्व की कमी जरूर हुई है।

श्रीकृष्ण दत्त ढौंढियाल,

जिला कोषागार अधिकारी, इलाहाबाद