- बाइकॉथन का कारवां देख थम गए राहगीरों के कदम

BAREILLY:

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने बाइकॉथन सीजन-9 के जरिए हर एज ग्रुप को एक कॉमन टै्रक दिया। सबने साइकलिंग को खूब एंज्वॉय किया। एज की लिमिट को तोड़ बाइकॉथन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया दिल में जज्बा व जुनून हो तो टास्क को पूरा करना कितना आसान हो जाता है। बाइकॉथन के दौरान छोटे-छोटे बच्चे जहां रैली को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए उतावले दिखे, वहीं बुजुर्गो में उत्साह देखते ही बन रहा था। बाइकॉथन के इस महाकुंभ में युवाओं के साथ बुजुर्गो ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

जोश नहीं हुआ कम

स्पो‌र्ट्स स्टेडियम से फ्लैगऑफ हुआ बाइकॉथन में पार्टिसिपेट कर रहे लोगों ने 5 किलोमीटर की साइकलिंग को अचीव करने के लिए पैडल मारना शुरू कर दिया। साइकिल की चेन उतरी, गिर पड़े, चोटिल हुए फिर भी हताश नहीं हुए। शिव मंदिर, डेलापीर पेट्रोल पम्प, झूलेलाल द्वार, बांके बिहारी मंदिर, राजेंद्र नगर चौराहा, महावीर होटल, रामजानकी मंदिर, प्रभात नगर, धर्म कांटा चौराहा, प्रेमनगर थाना, ईट पजाया चौराहा और मॉडल डाउन पुलिस चौकी जिधर से भी बाइकॉथन में हिस्सा ले रहे लोगों का कारवां गुजरा वहां कि फिजा जवां हो उठी। सैकड़ों की संख्या में लोगों को साइकलिंग करते देख रोड से गुजर से राहगीर के पांव थम गए।

उम्र के आगे बौनी पड़ी

स्पो‌र्ट्स स्टेडियम से शुरू हुई बाइकॉथन की 5 किलोमीटर की साइकलिंग भी बुजुर्गो के सामने बौनी पड़ गई। इनको कही अधिक लंबे टै्रक पर इनकों उतारा जाता तो, शायद वह भी इनके उत्साह और जज्बे के आगे छोटा पड़ जाता। रैली पूरा करने के बाद ही इनके अंदर वही एनर्जी और जोश दिख रहा था जो, रैली शुरू होने से पहले थे। 5 किलोमीटर का लंबा सफर तय करने के बाद भी इनके पैर और शरीर थके नहीं थे। बुजुर्गो के इस उत्साह को देखकर ऐसा लगा मानों इनकी रगों में एक बार फिर युवा जोश उफान मार रहा है।

युवाओं से कम नहीं

युवाओं के साथ साइकलिंग कर बुजुर्गो को अपना बचपन याद आ गया। भले ही बाइकॉथन उद्देश्य एक साइकिल रेस न होकर सौहार्द और एंवॉयरमेंट के प्रति लोगों को अवेयर करना रहा। साइकलिंग के माध्यम ये बुजुर्ग और जवां पीढ़ी एक दूसरे को टक्कर देते दिखे।

हैंडीकैप्ड होने के बाद भी

बड़ा बाईपास निवासी 74 वर्षीय शोभा राम एक पैर से हैंडीकैप्ड है। इन सबसे बावजूद इन्होंने बाइकॉथन में हिस्सा लेकर एक मिसाल कायम की। रेस पूरा करने के बाद भी इनके चेहरे पर थोड़ी भी शिकन देखने को नहीं मिली। शोभा राम ने बताया कि, यदि उन्हें शहर के बाहर तक साइकलिंग करने के लिए कहा जाता तो, वह भी वे आसानी से अचीव कर लेते। इस उम्र में भी इन्होंने अलग -अलग फील्ड में 30 से अधिक अवार्ड जीत चुके है।